नई दिल्ली। फिल्मी दुनिया की जानी मानी फिल्म निर्माता, निर्देशक व संगीतकार फौजिया अर्शी को ब्रिटिश संसद और इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स एसोसिएशन द्वारा सम्मानित किया गया यह फौजिया आर्शी के रूप में भारत की उन लाखों करोड़ों महिलाओ को सम्मान है जो सामाजिक उत्थान के लिए काम करती है और लोगों को सोशल इश्यूज पर जागरूक कराने के साथ-साथ उस पर सजगता से काम करती है।
फौजिया अर्शी की अपनी सोच समाज और उसकी बेहतरी के लिए काम करने के साथ साथ सरकारों को इस पर उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराने का है यही कारण है कि उनको भारत से इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में प्रतिन्धित्व करने का मौका मिला। फौजिया अर्शी ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग और लोगों को रोजगार की सही सहूलियत और सुविधाएं देने पर जोर दिया।
इस के साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सरकार चाहे तो ह्यूमन ट्रैफिकिंग और वोइलशन अपने आप खत्म हो जाए बस जरूरत है सजग और सरल सिस्टम की। उन्होंने ब्रिटिश पोलिटिकल सिस्टम के 600 साल पुराने होने के बावजूद भी आम जनता से जुड़े होने की तारीफ़ करते हुए इसको अन्य देशों को खासकर भारत जैसे देशों को अपनाने की बात की।
उनका कहना था कि ह्यूमन राइट्स से जुड़ी ऐसी वर्कशॉप ज्यादा संख्या में होनी चाहिए जो ना सिर्फ सरकारों को बल्कि लोगो को मदद करेगी। आर्शी को मिला यह सम्मान भारत की उन महिलाओं को प्रेरणा देगा जो सामाजिक मुद्दों पर लगातार संघर्ष कर रही है।
मध्य प्रदेश के सिंगरौली में आदिवासियों और किसानो के लिए संघर्ष करने वाली एकता ने बताया कि आर्शी का यह सम्मान हम लोगों के लिए इस बात का यकीन है कि लोगों के लिए और समाज के लिए चुना गया हमारा रास्ता ठीक है और हमारे इस कदम से सरकारों को और सामाजिक ताने बाने को छेड़ने वाले लोगो को तकलीफ के साथ साथ सीख भी मिलेगी।