नई दिल्ली। वैश्विक अर्थव्यवस्था की गति धीमी हुई है, जबकि प्रमुख एशियाई राष्ट्रों की गति में तेजी आई है। ब्लूमबर्ग में छपी एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट में यह अंदाजा भी लगाया गया है कि यदि नीतियां और इंस्टिट्यूशनल सेटिंग ऐसी ही रहती हैं तो दुनिया का प्रारूप कैसा होगा। ओईसीडी (आॅर्गनाइजेशन फॉर इकॉनमिक कॉपोर्रेशन ऐंड डिवेलपमेंट) का कहना है कि 2060 तक कुल ग्लोबल आउटपुट का 50 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा भारत और चीन के पास होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह काफी चौंकाने वाला है कि आर्थिक शक्ति केंद्र एशिया में होगा।
रिपोर्ट में रोबोट्स को लेकर कम चिंता जताई गई है, जबकि सामाजिक और आर्थिक ढांचे पर ज्यादा गौर किया गया है। ओईसीडी का कहना है कि इस परिदृश्य में यथार्थवाद पूवार्नुमान का जिक्र नहीं किया गया है, बल्कि उन कुछ चीजों का जिक्र किया है, जो मध्यम और दीर्घकालिक दृष्टिकोण को आकार दे सकते हैं।