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मुस्लिम महिलाओं के लिए ये बड़ा फैसला लेने जा रही मोदी सरकार

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 30 2018 12:19PM | Updated Date: Jun 30 2018 12:46PM
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार मुस्लिम महिलाओं के हित में एक और फैसला लेने जा रही है। कानून मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में निकाह हलाला की प्रथा का विरोध करेगी। जब शीर्ष अदालत आने वाले दिनों में इसकी कानूनी वैधता की पड़ताल करेगी। निकाह हलाला, मुसलमानों में वह प्रथा है जो समुदाय के किसी व्यक्ति को अपनी तलाकशुदा पत्नी से फिर से शादी करने की इजाजत देता है।  सरकार का मानना है कि यह प्रथा लैंगिक न्याय् के सिद्धांतों के खिलाफ है और उसने इस मुद्दे पर शीर्ष न्यायालय में अपना रुख स्पष्ट कर दिया था। हालांकि, शीर्ष न्यायालय ने तब सिर्फ फौरी 'तीन तलाक' के मुद्दे पर सुनवाई करने का फैसला किया था, जबकि निकाह हलाला और बहुविवाह प्रथा पर अलग से विचार करने का फैसला किया था। 
 
राज्यसभा में अटका है तीन तलाक बिल
मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने निकाह हलाला और बहुविवाह प्रथा पर केंद्र को नोटिस जारी किया था। कानून मंत्रालय के मुताबिक सरकार का रुख एक जैसा है, भारत सरकार इस प्रथा के खिलाफ है। यह उच्चतम न्यायालय में प्रदर्शित होगा। शीर्ष न्यायालय ने पिछले साल तीन तलाक की प्रथा को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। सरकार तीन तलाक को एक दंडनीय अपराध बनाने के लिए बाद में एक विधेयक लेकर आई। लोकसभा ने यह विधेयक पारित कर दिया और अब यह राज्यसभा में लंबित है। यह तीन तलाक को अवैध बनाता है और पति के लिए तीन साल तक की कैद की सजा का प्रावधान करता है। मसौदा कानून के तहत तीन तलाक किसी भी रूप में अवैध और अमान्य होगा। 
 
सुप्रीम कोर्ट करेगा पड़ताल
निकाह हलाला की कानूनी वैधता की अब उच्चतम न्यायालय पड़ताल करेगा। न्यायालय की एक संविधान पीठ इस प्रथा की वैधता को चुनौती देने वाली चार याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। निकाह हलाला के तहत एक व्यक्ति अपनी पूर्व पत्नी से तब तक दोबारा शादी नहीं कर सकता  जब तक कि वह महिला किसी अन्य पुरूष से शादी कर उससे शारीरिक संबंध नहीं बना लेती और फिर उससे तलाक लेकर अलग रहने की अवधि पूरा नहीं कर लेती। 
 
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