श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग जिले के बिजबिहाड़ा इलाके में गत मंगलवार आतंकियों द्वारा पुलिस वाहन पर किए गए हमले में एक जवान शहीद हो गया था। इकलौटा बेटा होने के कारण उसकी मौत के बाद अब परिवार बिखर गया है। अंतिम यात्रा के दौरान शहीद के घर में सैकड़ों लोगों ने हाजिरी दी। शहीद जवान बिलाल अहमद के रोते-बिलखते पिता ने पूछा कि अब उसकी मां के इलाज के लिए दवाइयों का भुगतान कौन करेगा?
बिलाल अहमद (23) पिता मोहम्मद अब्बास शाह निवासी मलिकपुरा वेरीनाग अनंतनाग परिवार में रोजी-रोटी कमाने वाला एकमात्र सदस्य था। उसका परिवार अब पूरी तरह से बिखर चुका है, क्योंकि मोहम्मद अब्बास का इकलौता बेटा मंगलवार को बिजबिहाडा आतंकी हमले शहीद हो गया। पिता मोहम्मद ने बताया गत रात हमें फोन आया कि बिलाल बिजबिहाडा हमले में घायल हो गया। मैं तुरंत बिजबिहाडा अस्पताल पहुंचा और हमें जिला पुलिस लाइंन अनंतनाग जाने के लिए कहा गया।
वहां पहुंचने पर मैंने अपने बेटे को मृत देखा। छोटे-से दोमंजिला घर के अंदर बिलाल की मां सलीमा बानो को पड़ोसी महिलाओं द्वारा सांत्वना दी जा रही है। धैर्य रखें, बिलाल अपने ईश्वर से मिलने गया है। बिलाल के परिजन और पड़ोसियों के रोने के बीच घर में कोई भी बात नही कर रहा।
घर का इकलौता चिराग था - बिलाल के घर में परिजन, बड़ी बहन और दादी हैं। एक पड़ोसी ने बताया दो साल पहले बिलाल को नौकरी मिलने से पहले पिता मोहम्मद अब्बास शाह मजदूर था। उसके परिवार की पूरी जिम्मेदारी बिलाल के कंधों पर थी। बिलाल अपने परिजन की दवाओं और बहन की पढ़ाई का खर्च उठाता था।
वह परिवार के रहने को नया घर बनाने के लिए भी कड़ी मेहनत कर रहा था और परिवार को कठिनाइयों से बाहर निकालने की पूरी कोशिश कर रहा था। उसके इस तरह अचानक चले जाने से पूरा गांव सदमे की स्थिति में है। गत मंगलवार शाम को बिलाल की पार्थिव देह मलिकपुरा वेरीनाग इलाके में स्थित उसके पैतृक कब्रिस्तान में दफना दी गई। इस दौरान शहीद बिलाल को श्रद्धांजलि देने सैकड़ों की तादाद में लोग मौजूद थे।