नई दिल्ली। सरकारी विमानन सेवा कंपनी एयर इंडिया को 9 मई के दिल्ली-शिकागो विमान में सवार 323 यात्रियों को 8.8 मिलियन डॉलर का भुगतान करना पड़ सकता है। बताया जाता है कि चालक दल के ड्यूटी टाइम में विश्राम पर चले जाने से विमान तय समय से छह घंटे देरी से गंतव्य तक पहुंचा। ये घटना तब प्रकाश में आई, जब एयर इंडिया और एफएआई के द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई।
यह बताया गया याचिका में
विमान संख्या एआई 127 9 मई को शिकागो की 16 घंटे की उड़ान भरने के लिए तैयार था। हालांकि मौसम में खराबी होने के कारण ये तय समय पर अपने गंतव्य स्थल तक नहीं पहुंच सका। उड़ान को डायवर्ट करके इसे शिकागो से पहले मिलवाउकी में उतारा गया, जहां से शिकागो की दूरी 19 मिनट की थी। जानकारी के मुताबिक वहां उन्हें दो घंटे का इंतजार कराया गया।
उसके बाद विमान में सवार यात्रियों को शिकागो पहुंचाया गया। बताया जाता है कि उस दौरान विमान के चालक दल विश्राम पर चले गए थे जिसके कारण विमान को शिकागो तक पहुंचने में छह घंटे का अतिरिक्त समय लगा। एयर इंडिया के सूत्रों के मुताबिक, विमान में देरी होने के कारण नए क्रू को बुलाया गया, जिन्होंने फ्लाइट का चार्ज लिया। इसके बाद फ्लाइट छह घंटे की देरी से शिकागो पहुंची।
तब तक यात्री विमान पर ही सवार थे। लेकिन, समस्या यहीं खत्म नहीं हुई। अमेरिका में विदेशी विमान के प्रवेश करते ही वहां का नियम है कि अगर विदेशी फ्लाइट में यात्रियों को एक घंटा से ज्यादा देरी तक सवार रहना पड़े तो फ्लाइट को इसके लिए यात्रियों को जुर्माना देना पड़ता है। इसी के तहत फ्लाइट पर सवार हर यात्री को एयर इंडिया को 27,500 डॉलर जुर्माने के तौर पर भुगतान करना होगा।
इस प्रकार से 323 यात्रियों के लिए एयर इंडिया को 8.8 मिलियन डॉलर का भुगतान करना होगा। बताया जाता है कि इस मामले में 15 मई को दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसमें बताया गया है कि 323 यात्रियों में 41 व्हीलचेर पर थे, जबकि दो नवजात बच्चे थे। इसके अलावा प्लेन में एक आॅटिस्टिक चाइल्ड भी था।