नई दिल्ली। केरल हाई कोर्ट ने एक अनोखे मामले में अलग-अलग रह रहे मां-बाप के बेटे का नामकरण किया है। दरअसल, बच्चे की मां ईसाई और पिता हिंदू हैं। मां-बाप दोनों अपने-अपने धर्म के अनुसार अपने बेटे का नाम रखना चाहते थे। इसे लेकर दोनों में विवाद हो गया। यह इतना बढ़ गया कि नौबत तलाक तक पहुंच गई। मामला अदालत पहुंचा तो जज ने बच्चे का नामकरण किया।
बेटे के नाम पर सहमति ने बनने पर बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र की मांग को लेकर अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं। मां ने अदालत को बताया कि बपतिस्मा के समय बच्चे का नाम जॉन मनी सचिन रखा गया था। पिता ने दावा किया कि बेटे के जन्म के 28वें दिन हुए समारोह में उसे अभिनव सचिन नाम दिया गया।
हाई कोर्ट ने कहा कि बच्चे को जल्द से जल्द नाम दिया जाना बहुत जरूरी है, क्योंकि कुछ ही दिन में उसका स्कूल में दाखिला होना है। दाखिला प्रक्रिया शुरू होने से पहले बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनना आवश्यक है। जस्टिस एके जयाशंकरन नाम्बियार ने अपने फैसले में कहा कि उन्होंने बच्चे के मां-बाप के बीच मतभेदों पर गौर किया है। उन्होंने कहा, दोनों पक्षों की बात रखते हुए कोर्ट ऐसे नतीजे पर पहुंचना चाहती है, जिसमें मां-बाप की सहमति हो।