नई दिल्ली। अभी के डॉक्टरों की तुलना में ज्यादा बेहतर डॉक्टर तैयार करने के लिए बने एमबीबीएस के नए कोर्स को लेकर शिक्षकों को ट्रेनिंग देने का काम शुरू कर दिया गया है। इस साल ट्रेनिंग का काम पूरा करके 2019 के अकादमिक सत्र से देशभर के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस का नया पाठ्यक्रम लागू कर दिया जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी। मालूम हो, एमबीबीएस का वर्तमान कोर्स करीब तीन दशक पुराना है। तब से चिकित्सा जगत में कई बड़े बदलाव हो चुके हैं और कई नई बीमारियां व इलाज सामने आ चुके हैं। नए कोर्स में इन्हें भी शामिल किया जा रहा है।
प्रायोगिक ज्ञान बढ़ाने पर जोर
एमबीबीएस के इस नए कोर्स की भी अवधि साढ़े चार साल ही रहेगी, लेकिन इसमें प्रायोगिक ज्ञान बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। नए पाठ्यक्रम में एमबीबीएस के छात्र पहले ही साल से मरीजों को देखने की प्रैक्टिस शुरू कर देंगे। प्रत्येक सेमेस्टर में ऐसे चैप्टर होंगे, जिन्हें हर छात्र को सीखना अनिवार्य होगा। हर सेमेस्टर के बाद छात्रों का एक टेस्ट होगा, जिनमें उनके सीखे गए कौशल की जांच होगी। नए पाठ्यक्रम में फांउडेशन कोर्स भी जोड़ा गया है, जिसमें डाक्टरों को आचार संहिता, कम्युनिकेशन स्किल आदि भी सिखाया जाएगा।
नए कोर्स के लाभ
- डॉक्टर सभी बीमारियों के इलाज में सक्षम होंगे।
- डॉक्टरों को पीजी कोर्स करने की जरूरत नहीं होगी।
मरीजों को फायदा
- अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी नहीं रहेगी।
- मरीजों की पर्याप्त देखभाल मिल सकेगी।
- मरीजों को एमबीबीएस डॉक्टर से ही पूरा इलाज मिल जाएगा।