नई दिल्ली। न्यायिक नियुक्तियों को लेकर सरकार और न्यायपालिका के बीच तनातनी बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं। जैसी परिस्थितियां बन रहीं हैं उसमें कोलेजियम के वरिष्ठ जज उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट प्रोन्नत करने की सरकार से दोबारा सिफारिश करने पर अड़ सकते हैं। जस्टिस चेलमेश्वर ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और कोलीजियम के सदस्य तीन वरिष्ठ न्यायाधीशों को लिखे पत्र में जस्टिस केएम जोसेफ की सिफारिश दोहराए जाने की बात कही है। मामले पर विचार के लिए शुक्रवार को कोलीजियम की बैठक होने की संभावना है।
कोलेजियम ने गत 10 जनवरी को जस्टिस केएम जोसेफ और वरिष्ठ वकील इंदू मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट जज नियुक्ति किए जाने की सिफारिश केन्द्र सरकार को भेजी थी। सरकार ने मल्होत्रा की सिफारिश तो मंजूर कर ली परन्तु जस्टिस जोसेफ की सिफारिश को दोबारा विचार के लिए वापस भेज दी थी। सरकार का कहना है कि जस्टिस जोसेफ आल इंडिया सीनियरिटी में 42वें नंबर पर और हाईकोर्ट चीफ जस्टिस सीनियरिटी में 11 वें नंबर पर हैं।
इसके अलावा वे केरल से आते हैं और केरल का पहले ही सुप्रीम कोर्ट में पर्याप्त प्रतिनिधित्व है। कोलेजियम को उन राज्यों के बारे में विचार करना चाहिए जिनका सुप्रीम कोर्ट में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। सरकार ने गत 26 अप्रैल को जोसेफ की सिफारिश वापस कर दी थी। गत 2 मई को सरकार से वापस आये मामले पर पुनर्विचार के लिए कोलीजियम की बैठक हुई थी लेकिन बिना किसी निष्कर्ष के मामला आगे के लिए टाल दिया गया था। हालांकि जोसेफ के नाम की इससे पहले भी सिफारिश हो चुकी थी।
सूत्र बताते हैं कि जस्टिस चेलमेश्वर ने 9 मई को मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और तीन वरिष्ठ न्यायाधीशों रंजन गोगोई, मदन बी लोकुर व कुरियन जोसेफ को लिखे पत्र में केएम जोसेफ की प्रोन्नति की सिफारिश दोबारा सरकार को भेजे जाने की बात कही है। चिट्ठी में कहा गया है कि कोलीजियम ने जब गत 10 जनवरी को जस्टिस केएम जोसेफ के नाम की सिफारिश की थी तब से अब की परिरिस्थतियों में कोई अंतर नहीं आया है इसलिए कोलीजियम को अपनी सिफारिश दोहरानी चाहिए।