नई दिल्ली। देश में जैसे घोटाले करना आम बात हो गई है। अब भारतीय सेना में भर्ती घोटाले का मामला सामने आया है। इस मामले में सीबीआई ने 41 संदिग्धों के नाम एफआईआर दर्ज की है। इनमें से 34 लोग वे हैं, जो इस समय भारतीय सेना में टेक्निकल, मेडिकल और जनरल ब्रांच में बतौर सैनिक तैनात हैं।
सीबीआई के मुताबिक यह भर्ती साल 2016 में हुई थी और धोखाधड़ी का मामला सामने आने पर गत वर्ष इसकी जांच शुरू कर दी गई थी। मामले में संदिग्ध लोगों पर स्थानीय सरकारी अधिकारी के साथ मिलीभगत करके फर्जी डोमिसाइल तैयार करवाने और इसका भर्ती में प्रयोग करने का आरोप है। उइक की यह कार्रवाई उस वक्त सामने आई है, जब सेना में महिलाओं को अहम पदों पर तैनात किए जाने की बहस चल रही है।
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कहा था कि सरकार सेना, नौसेना और वायुसेना में महिलाओं की भर्ती के लिए एक समन्वित रुख के लिए काम कर रही है। इस मामले में अभी तीनों सेवाओं में एकरूपता नहीं ही। सरकार शॉर्ट सर्विस कमीशन में भी भर्ती हुई महिलाओं को स्थायी कमीशन दिए जाने के लिए तैयार हैं। बकौल सीतारमण महिलाओं की भर्ती के नियमों को लेकर अभी सशस्त्र बलों के बीच एकरूपता नहीं है। हालांकि वायुसेना में महिलाएं लड़ाकू पायलट की भूमिका में आ चुकी हैं, जिसे सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है, जबकि सेना में महिलाएं अभी महत्वपूर्ण पदों पर नहीं हैं।
तीनों सेनाओं में एकरूपता नहीं होने की बात को रखते हुए उन्होंने कहा था कि लैंगिक भेदभाव के बिना काम करने वाली नौसेना में भी महिलाएं समुद्र में नहीं जा सकती हैं तो इस पर केंद्रीय मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि उनकी सरकार महिलाओं के रक्षा सेवाओं में आने को लेकर बेहद खुले विचारों वाली हैं और ज्यादा से ज्यादा महिलाएं रक्षा क्षेत्र में आ भी रही हैं। इसी बीच उन्होंने यह भी कहा था कि ऐसे कुछ मामलों में उन महिलाओं को लेकर फैसला आना अभी बाकी है, जहां अस्थायी कमीशन प्राप्त महिलाएं इस सवाल के साथ कोर्ट गई थीं कि उन्हें स्थायी कमीशन क्यों नहीं दिया जा सकता।