नई दिल्ली। राष्ट्रीय पोषण अभियान को गति देने के लिए विश्व बैंक के साथ सोमवार को 20 करोड़ डॉलर के कर्ज समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस कदम का लक्ष्य छह साल तक के बच्चों में कुपोषण के स्तर को मौजूदा 38.4 प्रतिशत से घटाकर 2022 तक 25 प्रतिशत पर लाना है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार कर्ज से पहले चरण में सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के 315 जिलों में अभियान को गति दी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 मार्च को राजस्थान के झुंझुनू में पोषण अभियान की शुरुआत की थी। पोषण अभियान के अंतर्गत विश्वबैंक के सहायता वाली एकीकृत बाल विकास सेवाएं (आईसीडीएस) तंत्र मजबूती और पोषण सुधार परियोजना के तहत चल रही गतिविधियों को सभी जिलों में तीन साल की अवधि में धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा।
इसमें जोर आईसीडीएस पोषण सेवाओं का दायरा तथा गुणवत्ता में सुधार लाने पर है। इसके तहत गर्भवर्ती, दूध पिलाने वाली मां तथा तीन साल से कम आयु के बच्चों को शामिल किया जाएगा। परियोजना में आईसीडीएस कर्मचारियों तथा सामुदायिक पोषक कार्यकर्ताओं में कौशल एवं क्षमता में सुधार लाने के लिए निवेश शामिल हैं। साथ ही शिकायतों के निपटान तथा लाभार्थियों तक बेहतर सेवा पहुंच के लिए सेवाओं की बेहतर निगरानी एवं प्रबंधन के लिए मोबाइल प्रौद्योगिकी आधारित उपकरणों के उपयोग पर भी जोर होगा।