नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा है कि उच्च शैक्षणिक संस्थानों में किसी छात्र के दाखिला नहीं लेने की स्थिति में फीस न लौटाने वाले संस्थान के खिलाफ जल्द दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। मंत्रालय के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि एआईसीटीई और यूजीसी के मानदंडों के अनुरूप अगर कोई छात्र दाखिला नहीं कराता है, तब संस्थान को उसकी फीस और मूल दस्तावेज लौटाना अनिवार्य है।
अक्सर देखा गया है कि कुछ संस्थान फीस नहीं लौटाते या बड़ी रकम काटकर लौटाते हैं। ऐसे संस्थानों को अब कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा ऐसा पेशेवर संस्थाओं की ओर से छात्रों का दोहन रोकने के उद्देश्य से किया जा रहा है। अगर कोई संस्थान एआईसीटीई और यूजीसी के मानदंडों का पालन नहीं करता है तो उसकी मान्यता तक वापस ली जा सकती है।