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PNB पर अपनों से घिरी मोदी सरकार, सिन्‍हा ने पूछे तीखे सवाल

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 21 2018 1:18PM | Updated Date: Feb 21 2018 2:24PM
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नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक में हुए महाघोटाले को लेकर मोदी सरकार के दो बड़े नेताओं ने अपनी ही सरकार को आड़े हाथ लिया है। बीजेपी के दिग्‍गज नेता सुब्रमण्यम स्वामी और यशवंत सिन्हा ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। 
 
सुब्रमण्यम स्वामी के आरोप 
सुब्रमण्यम स्वामी ने वित्तमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस घोटाले पर सिर्फ अरुण जेटली ही नहीं, बल्कि पूरा वित्त मंत्रालय चुप है। रिजर्व बैंक के बोर्ड में बैठने वाले बैंकिंग सेक्रेटरी भी चुप हैं। उन्होंने कहा कि वित्त सचिव चुप हैं और वित्तमंत्री भी चुप हैं। 
पूरे मंत्रालय के चुप होने के नाते मुझे आश्चर्य है।
 
बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि सेक्रेटरी बैंकिंग की जानकारी के बिना ये सब नहीं हो सकता। जब उनसे पूछा कि PNB महाघोटाले मामले में वित्तमंत्री की बजाय दूसरे मंत्री क्यों बयान दे रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि यह सवाल हमारे पार्टी के अध्यक्ष को पूछना चाहिए, क्योंकि वह तय करते हैं कि किस मसले पर कौन प्रवक्ता बोलेगा?
 
यशवंत सिन्हा भी सरकार को घेरा
वहीं, पार्टी के वरिष्‍ठ नेता यशवंत सिन्हा ने भी इस महाघोटाले पर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं। यशवंस सिन्हा ने कहा है कि कोई भी वित्तमंत्री हर समय, अपने नीचे काम करने वाली हर संस्था के हर कृत्य पर नजर नहीं रख सकता, लेकिन वह अपनी संवैधानिक और लोकतांत्रिक जिम्मेदारी से भी नहीं बच सकता। 
 
यशवंत सिन्हा के तीखे सवाल
1. यशवंत सिन्हा ने पूछा है कि अगर नीरव मोदी का घोटाला 2011 में शुरू हुआ था, तो बताया जाए कि हर साल कितने लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग जारी किए गए? मामले को इससे आगे साफ-साफ समझने के लिए मई, 2014 को एक खास वक्त मान लिया जाए, और बताया जाए कि मई, 2014 तक कितने एलओयू जारी हुए, और कितने उस साल के अंत तक. प्रत्येक एलओयू की राशि बताई जाए। 
 
2. भाजपा ने पूछा है कि सरकार को बताना चाहिए कि एलओयू कितनी अवधि के लिए वैध था - 90 दिन, 180 दिन, 365 दिन या उससे भी ज्यादा। 
 
3. हर एलओयू पर विदेशी बैंकों से कितनी राशि निकली? 
 
4. कितने मामलों में एलओयू की रकम पंजाब नेशनल बैंक को वापस लौटी? कितने एलओयू की गारंटी पंजाब नेशनल बैंक को नहीं लौटाई गई? और क्यों 
 
5. अगर किसी विदेशी बैंक ब्रांच को तय टाइम पर पैसे नहीं दिए गए तो क्या उसने पंजाब नेशनल बैंक को इसकी जानकारी दी? कितने मामलों में बकाया वसूली के लिए पंजाब नेशनल बैंक की गारंटी का इस्तेमाल किया गया? 
 
6. इस पूरे मामले में विदेशी मुद्रा का ट्रांजेक्शन का लेनदेन हुआ। तो फिर इस पूरे मामले में आरबीआई कैसे बचा रह गया? 
 
7. जैसा की कहा जा रहा है कि नीरव मोदी ने 200 शेल कंपनियां बनाई थीं जिनके जरिए लेनदेन हुआ, लेकिन फिर सरकार के दावे का क्या हुआ कि नोटबंदी के बाद ऐसी सारी फर्जी कंपनियां बंद हो गई हैं? 
 
8. जब जांच एजेंसियां तुंरत ही नीरव मोदी की जब्त की गई संपतियों को कैलकुलेट कर सकती हैं तो फिर वे साधारण जानकारियां क्यों नहीं साझा कर रही हैं? इन सवालों के अलावा यशवंत सिन्हा ने पूछा है कि अंत में, इस कन्फ्यूजन से किसे फायदा हो रहा है? हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इस खबर की प्रासंगिकता तभी तक है, जब तक कोई बड़ी खबर मीडिया को मिल नहीं जाती? उसके बाद फिर नीरव मोदी भी माल्या की तरह इतिहास बन जाएंगे। 
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