नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि फ्रांस से लड़ाकू विमान राफेल खरीदने का सौदा पारदर्शी तरीके से नहीं किया गया है और इसकी कीमत को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नवी आजाद और कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मनमोहन सिंह सरकार के दौरान 126 राफेल विमान खरीदने का सौदा प्रति विमान 526 करोड़ रुपये की दर से तय हुआ था जबकि उन्हें सूचना मिली है कि अब एक विमान की कीमत 1570 करोड़ रुपए तय की गई है।
पिछली सरकार में हुए सौदे में आठ पूरी तरह निर्मित विमान फ्रांस से आने की बात थी और तकनीकी हस्तान्तरण के तहत अन्य सभी विमानों का निर्माण सरकारी कम्पनी हिन्दुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड को करना था। उन्होंने कहा कि इस तरह के विमानों की खरीद की एक लम्बी प्रक्रिया होती है लेकिन मोदी ने इसकी उपेक्षा कर 36 विमान खरीदने का सौदा कर लिया है तथा तकनीकी हस्तारण के जरिए एक निजी कम्पनी अन्य विमानों का निर्माण करेगी।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मोदी की फ्रांस यात्रा के 48 घंटे पहले विदेश सचिव ने कहा था कि दोनों देशों के प्रमुखों की बैठक में राफेल विमान खरीद सौदा मुद्दा नहीं है। फिर ऐसा क्या हो गया कि यह सौदा हो गया। उन्होंने कहा कि इसमें घोटाले की बू आती है और प्रधानमंत्री को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राफेल के बाद यूरो फायटर टायफून खरीद का सौदा दूसरे नम्बर पर था और वह सारे मानकों को पूरा करता था। इस कम्पनी ने राफेल विमान की तुलना में अपना मूल्य 20 प्रतिशत कम करने का भी वादा किया था। इस संबंध में भी सरहार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।