नई दिल्ली: उच्च न्यायालय ने विशिष्ट व्यक्तियों के इस्तेमाल के लिये 2006-07 में एक अगस्तावेस्टलैंड हेलीकाप्टर खरीदने के मामले में आज छत्तीसगढ़ सरकार से कई तीखे सवाल किये ओर जानना चाहा कि इसमें मुख्यमंत्री रमन सिंह के पुत्र की क्या ‘दिलचस्पी’ थी। न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की पीठ ने राज्य सरकार से हेलीकाप्टर की खरीद में अनियमित्ताओं और मुख्यमंत्री के पुत्र से कथित रूप से संबंधित विदेशी बैंक खातों के आरोपों के बारे में सवाल किये।
कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा
पीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी से जानना चाहा कि इसमे अभिषेक सिंह, जो मुख्यमंत्री के पुत्र हैं, की क्या दिलचस्पी है आपको इस बारे में हमें संतुष्ट करना होगा। न्यायालाय ने हेलीकाप्टर खरीद में कथित अनियमित्ताओं की जांच के लिये गैर सरकारी संगठन स्वराज अभियान और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली है। इस मामले में फैसला बाद में सुनाया जायेगा। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि जुलाई 2008 में ब्रिटिश र्विजन आईलैंड में अभिषेक सिंह के नाम से एक बैंक खाता खोला गया था और इस सौदे में कथित रूप से संलिप्त एक फर्म ने एक अगस्त, 2008 को अपना कारोबार समेट लिया था।
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि इस बात की प्रबल संभावना है कि इस सौदे में कमीशन के रूप में भुगतान की गयी राशि इसी विदेशी बैंक खाते में पहुची थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने सुनवाई के दौरान कहा कि दिसंबर, 2006 के सरकार के प्रस्ताव में कहा गया था कि हेलीकाप्टर कंपनियों को अपने प्रतिवेदन देने के लिये आमंत्रित किया जाना चाहिए लेकिन बाद में किसी कंपनी को भी आमंत्रित नहीं किया गया और सिर्फ एक आगस्टावेस्टलैंड हेलीकाप्टर के लिये निविदा जारी की गयी थी। भूषण ने दावा किया कि शार्प ओशियन नाम की फर्म को हेलीकाप्टर की कीमत से ऊपर 1.324 मिलियन डालर की अतिरिक्त राशि का भुगतान किया गया था।