नई दिल्ली। लाभ के पद मामले को लेकर दिल्ली के आम आदमी पार्टी के जिन 20 विधायकों की सदस्यता रद हुई है, उनकी याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने डिविजन बेंच को ट्रांसफर कर दिया है। इन विधायकों ने अपनी सदस्यता रद्द किए जाने को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग को दिए अपने उस अंतरिम आदेश को भी बरकरार रखा है जिसमें याचिका की अगली सुनवाई तक उप चुनावों का ऐलान न करने को कहा था। बता दें, AAP के 20 विधायकों को संसदीय सचिव के रूप में लाभ के पद पर होने के आरोप में चुनाव आयोग ने 19 जनवरी को अयोग्य घोषित कर दिया था, जिस पर राष्ट्रपति ने अपनी मोहर लगा दी थी।
जिसके बाद कानून मंत्रालय ने 20 जनवरी को विधायकों के अयोग्य होने का गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। AAP के 20 विधायक अयोग्य घोषित हुए हैं, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट में अभी तक केवल 8 विधायकों ने ही नोटिफिकेशन को चुनौती दी है। इन 8 विधायकों ने अपनी याचिका अलग-अलग दाखिल की है। कैलाश गहलोत, मदन लाल, सरिता सिंह, शरद चौहान और नितिन त्यागी ने एक याचिका दायर की है, जबकि राजेश ऋषि और सोमदत्त ने अलग अपील की। अल्का लांबा ने अपनी याचिका अकेले दाखिल की है। अलग-अलग याचिका दायर करने के पीछे आम आदमी पार्टी की रणनीति बताई जा रहा है।