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GST परिषद का बड़ा फैसला, 50 आइटमों पर ही लगेगा 28% GST

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 10 2017 1:33PM | Updated Date: Nov 10 2017 10:23PM
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नई दिल्ली। GST  परिषद ने आम आदमी को बड़ी राहत देते हुए फैसला किया है कि सिर्फ 50 चीजों को ही 28 फीसदी के GST स्लैब में रखा जाएगा। परिषद ने 177 चीजों पर GST की दरों में कटौती का फैसला किया है। पहले इन चीजों पर 28 फीसदी टैक्स लगता था। लेकिन अब इन पर सिर्फ 18 फीसदी GST लगेगा। हालांकि, इसका आधिकारिक ऐलान बैठक के बाद आज शाम को किया जाएगा। गुवाहाटी में वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में GST परिषद की 23वीं बैठक फिलहाल जारी है। इस बैठक में परिषद रियल एस्टेट को जी.एस.टी. के दायरे में लाने की दिशा में भी कदम उठा सकती है।

जीएसटी की टेक्नॉलजी संबंधित गतिविधियों को मॉनिटर करने के लिए बनाए गए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स में 5 सदस्य हैं, जिसके प्रमुख सुशील कुमार मोदी हैं। उन्होंने बताया कि आफ्टर शेव, डिओड्रेंट, वॉशिंग पाउडर, ग्रेनाइट और मार्बल जैसे आइटमों पर अब 18 पर्सेंट टैक्स लगेगा। मोदी ने जीएसटी काउंसिल के इस फैसले को एतिहासिक बताया। गौरतलब है कि जीएसटी लागू होने के बाद से ही जरूरी उपयोग की वस्तुओं पर ज्यादा टैक्स वसूलने को लेकर सरकार की काफी आलोचना हो रही थी। जिसके बाद सरकार द्वारा इन वस्तुओं पर टैक्स कम करने की उम्मीद पिछले कुछ समय से जताई जा रही थी। 

ये हुआ सस्ता

च्युइंगम, चॉकलेट, टाइल्स, शैंपू, साबुन, डिटरजेंट, लेदर प्रोडक्ट, पॉलिश, स्टील सेनेट्रीवियर, प्लाईवुड, रेजर, टूथपेस्ट, हेयर ऑयल, सीलिंग फैन, सस्ते घरों बनाने से जुड़े प्रोडक्ट।

क्या-क्या सस्ता नहीं

एयरकंडीशनर, पेंट, सीमेंट, वॉशिंग मशीन, फ्रिज और तंबाकू और कई अन्य लग्जरी गुड्स 28 फीसदी के दायरे में हैं।

GST सरकार की आय पर असर

GST दरें घटने का पूरा असर अभी कहना मुश्किल है लेकिन GST दरें घटने से राजस्व में कमी आने का अनुमान है क्योंकि टैक्स बेस बढ़ने से राजस्व में कमी अनुमान से कम होना स्वाभाविक है। जीएसटी में टैक्स की दर कम करने से सरकार पर 20 हजार करोड़ का बोझ पड़ेगा। आपको बता दें कि सरकार को शुरुआती 3 महीने में 2.78 लाख करोड़ का राजस्व मिला था। जानकारी के मुताबिक कुल 47 लाख कारोबारियों ने GSTR-1 दाखिल किया। इसके अलावा कुल 21 लाख कारोबारियों ने  GSTR-2 दाखिल किया। 

बढ़ सकता है कि कंपोजीशन स्कीम का दायरा 

जीएसटी परिषद की बैठक में कंपोजीशन स्कीम का दायरा बढ़ सकता है। कंपोजीशन स्कीम में GST रेट को भी एक रेट करने का प्रस्ताव है। कंपोजिशन स्कीम का दायरा बढ़ने से खासतौर पर छोटे कारोबारियों को राहत मिलेगी आपको बता दें कि GST के बाद छोटे कारोबारियों में नाराजगी थी। सामान्य तौर पर छोटे कारोबारी BJP के परंपरागत वोटर माने जाते है कि इसलिए इस फैसले से पार्टी के खिलाफ छोटे व्यापारियों की नाराजगी को दूर करने की कोशिश कहा जा सकता है।

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