नई दिल्ली। तीन दिवसीय वर्ल्ड फूड इंडिया सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय मसालों के बारे में तो सभी जानते हैं। इसी से प्रभावित होकर विदेशी लोग भारत आते थे। उन्होंने कहा कि भारतीय खाने में हल्दी और तुलसी जैसी चीजों का भी इस्तेमाल किया जाता है जो बीमारियों से भी बचाते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में अब कारोबार करना पहले से कहीं आसान है। भारत दुनिया में तीव्र वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था में से एक है। जीएसटी ने विभिन्न प्रकार के करों को समाप्त किया है।
कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर, राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, यूपी, छ्त्तीसगढ़ के सीएम, कई देशों से मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल, अग्रणी वैश्विक और घरेलू कंपनियों के सीईओ भी मौजूद हैं।
भारत को फूड प्रोसेसिंग उद्योग में दुनियाभर में सबसे बेहतर और आकर्षक निवेश स्थल बनाने और किसानों की आय को दोगुना करने के सरकार के सपने को पूरा करने के लिये पहली बार फूड प्रोसेसिंग उद्योग से जुड़े मेगा कार्यक्रम 'वर्ल्ड फूड इंडिया' का 3 से 5 नवंबर तक आयोजन किया जा रहा है।
60 से अधिक देशों और पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों सहित 27 राज्यों के 5,000 से अधिक उद्यमी और कंपनियों के सीईओ तीन दिन तक चलने वाले इस आयोजन में भाग लेंगे। इस दौरान सरकार और उद्यमियों के बीच होने वाली बैठकों में भाग लेने के लिये 15 से अधिक देशों के मंत्रीस्तरीय प्रतिनिधमंडल प्रदर्शनी एवं सम्मेलन में भाग लेंगे।
जर्मनी, डेनमार्क और जापान इसमें भागीदार देश हैं जबकी इटली और नीदरलैंड ‘फोकस देश’ के तौर पर भाग ले रहे हैं। इस प्रदर्शनी के आयोजन से पहले विभिन्न देशों में किये गये रोड-शो में ब्रिटेन, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, डेनमार्क सहित विभिन्न देशों से 10 अरब डालर से अधिक की निवेश प्रतिबद्धता पहले ही प्राप्त हो चुकी है।
प्रधानमंत्री प्रदर्शनी के उद्घाटन सत्र में ‘निवेश बंधु, और निवेशक पोर्टल’ की शुरुआत करेंगे। प्रदर्शनी का आयोजन खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय कर रहा है। ‘इंडिया गेट’ के पास 40 हजार वर्गफुट क्षेत्र में आयोजित होने वाला यह आयोजन वैश्विक कारोबारियों के लिये एक मंच उपलब्ध करायेगा जिसमें भारतीय फूड प्रोसेसिंग उद्योग की पूरी चेन में कारोबार के अवसर तलाशे जा सकेंगे।