29 Mar 2024, 02:09:55 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

सिनेमाघरों में राष्ट्रगान मामला: SC ने कहा- हम क्यों देशभक्ति को अपने हाथ में रखें

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 23 2017 9:02PM | Updated Date: Oct 23 2017 9:02PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार से कहा कि यह देशभर के सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय ध्वज संहिता में संशोधन पर विचार करे। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए.एम.खानविल्कर और जस्टिस डी.वाई.चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि केंद्र सरकार को सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने के बारे में उसके पहले के आदेश से प्रभावित हुए बगैर ही इस पर विचार करना होगा।

इस मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने कहा कि भारत एक विविधता वाला देश है और एकरूपता लाने के लिए सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाना आवश्यक है। पीठ ने संकेत दिया कि वह एक दिसंबर, 2016 के अपने आदेश में सुधार कर सकती है। इसी आदेश के तहत देशभक्ति और राष्ट्रवाद की भावना पैदा करने के मकसद से सिनेमाघरों में फिल्म के प्रदर्शन से पहले राष्ट्रगान बजाना और दर्शकों के लिए इसके सम्मान में खड़ा होना अनिवार्य किया गया था। 
 
कोर्ट ने सोमवार को कहा कि यह भी देखा जाना चाहिए कि सिनेमाघर में लोग मनोरंजन के लिए जाते हैं। ऐसे में देशभक्ति का क्या पैमाना हो, इसके लिए कोई रेखा तय होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के नोटिफिकेशन या नियम का मामला संसद का है। यह काम कोर्ट पर क्यों थोपा जाए। मामले में अगली सुनवाई 9 जनवरी को होगी। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश लागू रहेगा जिसमें सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य है। 
 
इससे पहले कोर्ट ने कहा था कि जब राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान दर्शाया जाता है तो यह मातृभूमि के प्रति प्रेम और सम्मान को दर्शाता है। कोर्ट ने सभी सिनेमाघरों में फिल्म का प्रदर्शन शुरू होने से पहले अनिवार्य रूप से राष्ट्रगान बजाने की मांग वाली श्याम नारायण चोकसी की जनहित याचिका पर यह निर्देश दिए थे।
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »