नई दिल्ली। देश के सबसे घातक वॉरशिप आईएनएस किल्टन को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा की उपस्थिति में भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया है। दुश्मनों की सबमरीन का खात्मा करने की क्षमता रखने वाला किल्टन वॉरशिप स्वदेशी है। नौसेना डॉकयार्ड की ओर से जारी बयान के मुताबिक इस सबमरीन को प्रोजेक्ट 28 के तहत तैयार किया गया है।
नौसेना प्रमुख सुनील लांबा की मौजूदगी में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण विशाखापट्ट्नम ने नेवल डॉकयार्ड में वॉरशिप को कमीशन किया है। आईएनएस किल्टन उन चार एएसडब्ल्यू कार्वेट्स में से एक है जिन पर करीब 7800 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
आईएनएस कमोरटा और आईएनएस कदमट्ट को पहले ही नेवी में कमीशन किया जा चुका है। इसकी खास बात है कि ये दुश्मन के जहाजों को पता लगाने और भारतीय जहाजों को सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम है। किल्टन की कई खासियतें हैं, जिनमें सबसे बड़ी यह है कि यह मॉडर्न टेक्नोलॉजी के साथ बनी है। ये नेवी का पहला ऐसा वॉरशिप है जिसमें स्वीडन से आए कार्बन फाइबर का इस्तेमाल किया गया है।
वॉरशिप 5500 किलोमीटर तक कर सकती है रखवाली
इसकी मदद से शिप के वजन कम रखने और देखरेख में कम खर्च होता है। इस युद्धपोत को भारी-भरकम टारपीडो के साथ ही एएसडब्लू रॉकेटों से लैस किया गया है। बता दें कि आईएनएस किल्टन सभी प्रमुख हथियारों और सेंसर के समुद्री टेस्ट्स को शुरू करने वाला पहला वॉरशिप भी हैं।
यह वॉरशिप 109 मीटर लंबी और बीम में 14 मीटर की दूरी पर है। आईएनएस किल्टन कमोटरा क्लास की कॉर्वेट है, जो कि ये 3000 टन वजनी है। खास बात है कि ये 5,550 किमी की रेंज की रखवाली करने की क्षमता रखती है। यही नहीं, किल्टन की स्पीड भी आम कॉर्वेट्स की तुलना में कहीं ज्यादा 46किमी प्रतिघंटे की है
कॉर्वेट्स 4 शक्तिशाली डीजल इंजनों से लैस है, जो किसी भी मौसम और समय में कॉर्वेट्स को धीमा नहीं पड़ने देंगे। यह 13 अधिकारियों और 178 नाविकों के चालक दल द्वारा संचालित की जाएगी। आईएनएस किल्टन के हथियारों में भारी वजन टारपीडो, एएसडब्ल्यू रॉकेट, 76 एमएम कैलिबर श्रेणी की बंदूक और दो बहु बैरल 30 एमएम बंदूकें शामिल हैं।