चेन्नई। कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज सीएस कर्णन को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने उनकी ओर से दर्ज कराई गई जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
पश्चिम बंगाल सीआईडी ने 42 दिन से फरार चल रहे कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज सीएस कर्णन को मंगलवार को तमिलनाडु के कोयंबटूर से गिरफ्तार कर लिया। अदालत की अवमानना के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नौ मई को कर्णन को छह महीने की सजा सुनाते हुए उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया था। पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने यहां बताया कि 62 साल के कर्णन को पश्चिम बंगाल पुलिस ने कोयंबटूर से छह किमी दूर एक निजी रिसॉर्ट से गिरफ्तार किया। वह कुछ दिन से यहां ठहरे हुए थे। कर्णन ने अपनी गिरप्तारी का विरोध किया और पुलिस के साथ बहस की।
क्या है पूरा मामला?
जस्टिस कर्णन ने 20 जजों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। इसके बाद कर्णन पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का आरोप लगा था। जस्टिस कर्णन का विवादों से गहरा नाता रहा है।
गौरतलब है कि जस्टिस कर्णन ने 23 जनवरी को प्रधानमंत्री के नाम एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने 20 जजों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इनमें सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और मद्रास हार्इकोर्ट के जज शामिल थे। साथ ही जस्टिस कर्णन ने पीएम से इस मामले की निष्पक्ष जांच की भी मांग की थी।