नई दिल्ली। दिल्ली में आज नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की तीसरी बैठक चल रही है। राष्ट्रपति भवन में दिन भर चलने वाली इस मीटिंग की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। बैठक का मुख्य एजेंडा देश की आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए 15 साल के दृष्टि दस्तावेज पर विचार करना है। ममता और केजरीवाल बैठक में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति भवन नहीं आए हैं।
सभी राज्यों से सहयोग पर जोर
बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नए भारत का निर्माण सभी राज्यों और उनके मुख्यमंत्रियों के सहयोग से ही मुमकिन है। उन्होंने साफ किया कि मुख्यमंत्रियों को परियोजनाओं की मंजूरी के लिए नीति आयोग के चक्कर काटने की जरुरत नहीं है। जब मुख्यमंत्रियों को केंद्रीय योजनाओं में योगदान के लिए कहा गया है और फंड की कमी के बावजूद उनकी सिफारिशों को स्वीकार किया गया है। प्रधानमंत्री ने जीएसटी बिल पर बनी आम सहमति को सहयोगात्मक संघवाद की ऐतिहासिक मिसाल बताया। उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ करवाने को लेकर राज्यों के बीच बहस की जरूरत है।
बैठकों का मुख्य एजेंडा
बैठक के दौरान केंद्र सरकार के विजन दस्तावेज पर चर्चा हो रही है। दस्तावेज में अगले 15 साल के दौरान देश की आर्थिक तरक्की की रफ्तार बढ़ाने के लिए खाका तैयार किया गया है। इसके अलावा 1 जुलाई से जीएसटी लागू करने की दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा हो रही है। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मीटिंग में पिछली दो बैठकों के दौरान लिए गए फैसलों पर लिए गए एक्शन पर भी चर्चा की जाएगी।
ममता-केजरीवाल नहीं हुए शामिल
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनजीर् और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज यहां शुरू हुई नीति आयोग संचालन परिषद की बैठक में शामिल नहीं हुए। परिषद की तीसरी बैठक राष्ट्रपति भवन में चल रही है। बैठक का मुख्य एजेंडा देश की आर्थिक वद्धि को प्रोत्साहन के लिए 15 साल के दष्टि दस्तावेज पर विचार करना है।
मोदी और महबूबा की मुलाकात अहम
बैठक में जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी शरीक हो रही हैं। दिल्ली में वो प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार के दूसरे सीनियर मंत्रियों से भी मिलेंगी। कश्मीर में चिंताजनक हालात और पीडीपी-बीजेपी गठबंधन में मतभेदों के मुफ्ती के दिल्ली दौरे को खासा अहम माना जा रहा है। समझा जा रहा है कि प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात में महबूबा प्रधानमंत्री को कश्मीर के जमीनी हालात से वाकिफ करवाएंगी और हालात को बेहतर बनाने के लिए कदम सुझाएंगी।