29 Mar 2024, 05:00:24 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

नई दिल्ली। भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की सूचक बनी उत्कृष्ट भारतीय खोज इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर हाल ही में आए चुनावी नतीजों के बाद सवाल उठाए जा रहे हैं। तो क्या अचानक ये मशीनें विफल हो गई और किसी ने कभी इन्हें हैक किया? सर्वश्रेष्ठ तकनीक और पुख्ता सुरक्षा के साथ बनायी गई ईवीएम को कभी किसी ने हैक नहीं किया। अगर कहीं समस्या है तो वह राजनीतिक मूल्यों में हो रही कमी में है।

स्वतंत्र तौर पर काम करने वाले भारत के निर्वाचन आयोग ने ईवीएम पर पूरा भरोसा जताया और उसे पूरी तरह सुरक्षित बताया है। उसने ईवीएम में छेड़छाड़ या गड़बड़ी के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। भारत के निर्वाचन आयोग के अनुसार, अब तक राज्यों के 107 चुनाव और तीन संसदीय चुनावों में इन ईवीएम का उपयोग किया गया है। 

वर्ष 2014 के संसदीय चुनाव में इन ईवीएम की दस लाख यूनिटों का उपयोग किया गया था और परिणामों को ईमानदार बताते हुए इनकी सभी ने सराहना की थी। ब्राजील, नॉर्वे, जर्मनी, वेनेजुएला, भारत, कनाडा, बेल्जियम, रोमानिया, आॅस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, इटली, आयरलैंड, यूरोपीय संघ और फ्रांस जैसे कुछ देश ही वोटिंग मशीन का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन अमेरिका जैसा दुनिया का सबसे पुराना लोकतांत्रिक देश मतपत्र का ही इस्तेमाल कर रहा है।
 
वहीं वोटिंग मशीन विफल हो रही हैं और हैकिंग के लिहाज से संवेदनशील है जो इंटरनेट से जुड़ी हैं। विशिष्ट तौर पर भारतीय वोटिंग मशीन इंटरनेट से जुड़ी नहीं है और इन्हें आधुनिक भारत की सबसे बेहतरीन खोज माना जाता है। उस मामले में हैकिंग आसान हो जाती है जब मशीन इंटरनेट से जुड़ी हों और डेटा को इंटरनेट के जरिये भेजा जा रहा हो।
 
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