नई दिल्ली। इंडियन रेलवे अपने यात्रियों को जल्द ही नई सौगात देने वाली है। भारतीय रेल अपने खुद के ट्रेनसेट के विनिर्माण करने का फैसला किया है, जो 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगा। वैश्विक निविदा में सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिल पाने के बाद रेल विभाग ने यह फैसला किया।
‘ट्रेन-2018’ देश का पहला ट्रेनसेट होगा, जो बिना इंजन का होगा। इसके अगले साल मार्च तक तैयार हो जाने की उम्मीद है तथा इसे सबसे पहले दिल्ली-लखनऊ अथवा दिल्ली चंडीगढ़ रेलमार्ग पर चलाया जा सकता है। काफी हद तक दिल्ली मेट्रो रेल से मिलते-जुलते इस ट्रेनसेट में कई डिब्बे होंगे, जो खुद में लगी संचालक प्रणाली के जरिए आगे बढ़ेंगे तथा इनको खींचने के लिए किसी इंजन की जरूरत नहीं होगी।
चेन्नई में दो ट्रेनसेट का विनिर्माण
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमारा मकसद शहरों के बीच यात्रा के समय को कम करना है। इसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमने ‘ट्रेन-2018’ परियोजना की शुरुआत की है, जिसके तहत शुरुआती तौर पर चेन्नई के निकट इंटीग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ) में दो ट्रेनसेट का विनिर्माण हो रहा है। यह परियोजना 200 करोड़ रुपए की है और इसमें दो ट्रेनसेट बनाए जाएंगे। इसमें प्रौद्योगिकी के स्थानांतरण के आधार पर विदेशी इकाइयों का सहयोग भी होगा।
जीपीएस तकनीक से लैस
ट्रेनसेट में यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं दी जाएंगी। यह वाई-फाई और जीपीएस जैसी तकनीक से लैस होगी। इसके साथ ही इसमें वैक्यूम टॉयलेट होगा। लोगों को सफर करते हुए झटके ना लगें, इसके लिए विशेष कोच तैयार किए जा रहे हैं। कोच में स्पेशल लाइटें लगाई जाएंगी। ये कोच यात्रियों को एक सुखद अनुभव देंगे।