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सिंधु जल समझौते पर बोलें मोदी- खून और पानी साथ नहीं बह सकते

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 26 2016 7:12PM | Updated Date: Sep 26 2016 7:12PM
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नई दिल्ली। भारत-पाक के बीच बढ़ते तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते की समीक्षा के लिए बुलाई बैठक की अध्यक्षता की बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, विदेश सचिव एस जयशंकर, जल संसाधन सचिव एवं प्रधानमंत्री कार्यालय के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

यह समीक्षा बैठक उरी आतंकी हमले का पाक को मुनासिब जवाब देने के विकल्पों पर विचार के सिलसिले में बुलाई गई थी। देश में लगातार मांग उठ रही है कि पाक पर दबाव बनाने के लिए भारत सिंधु बंटवारे से जुड़े इस समझौते को तोड़ दें।

इस बैठक में पीएम ने अधिकारियों से कहा कि खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते। सरकार समझौते पर पुनर्विचार करने के लिए गंभीर हैं। सूत्रों के हवाले से खबर है कि सरकार पाकिस्तान के पानी में कमी या बंद कर सकती है।
 
सिंधु जल संधि पर तत्काल सुनवाई से SC का इंकार
पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर तत्काल सुनवाई से इंकार कर दिया है।

आपको बता दें कि 56 साल पहले 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी समझौता हुआ था। इसके तहत सिंधु बेसिन में बहने वाली छह नदियों में से सतलुज, रावी और ब्यास पर भारत का पूर्ण अधिकार है। समझौता के मुताबिक भारत इन नदियों के पानी का कुल 20 फीसद पानी रोक सकता है।

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