नई दिल्ली। उड़ी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को लेकर बढ़ते दबाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सिंधु जल समझौते को लेकर एक अहम बैठक बुलाई है। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिंधु जल समझौते को लेकर अधिकारियों के साथ हर पहलू पर चर्चा करेंगे।
समझौते के फायदे-नुकसान पर विचार विमर्श किया जाएगा। हालांकि इस बैठक की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। सिंधु जल समझौते के बारे में अकसर यह कहा जाता है कि यह एकपक्षीय है और इस पर दोबारा विचार करने की बातें कही जाती रही हैं। हाल ही में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने भी कहा था कि ऐसे समझौते में आपसी सहयोग और विश्वास बहुत अहम होता है।
जल संधि पर केंद्र के फैसले के साथ जम्मू-कश्मीर सरकार
केंद्र की ओर से पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते की समीक्षा करने का संकेत दिए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार 1960 की इस संधि पर जो भी फैसला करेगी, राज्य उसका पूरा समर्थन करेगा।
सिंह ने कहा कि इस संधि ने जम्मू-कश्मीर को भारी नुकसान पहुंचाया है क्योंकि राज्य के लोग विभिन्न नदियों खासकर जम्मू में चेनाब के पानी का कृषि व अन्य गतिविधियों के लिए पूरा उपयोग नहीं कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग सिंधु जल संधि से राज्य को हो रहे नुकसान का मुद्दा पहले से ही उठा रहे हैं।
अगर केंद्र इस संबंध में कोई फैसला करता है तो राज्य सरकार निश्चित ही उसका पूरा समर्थन करेगी। हम हर उस कदम का समर्थन करेंगे जो राज्य के लोगों को लाभ पहुंचाएगा व पाकिस्तान को दबाव में लाएगा।