नई दिल्ली। आम बजट पेश करने को लेकर बरसों से चली आ रही ब्रिटिश परंपरा को मोदी सरकार बदलने पर विचार कर रही है। हर साल फरवरी माह के अंत में पेश होने वाला बजट अब एक महीने पहले जनवरी में पेश हो सकता है। बता दें कि शाम 5 बजे बजट पेश करने की परंपरा को सुबह 11 बजे करने की पहल 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने की थी। अब मोदी सरकार बजट पेश करने का माह बदलने जा रही है।
इसलिए उठाया जा रहा यह कदम
'टाइम्स ऑफ इंडिया' में छपी खबर के मुताबिक आम बजट पेश किए जाने के समय को लेकर अंतिम फैसला किया जाना बाकी है। वित्त मंत्रालय में चर्चा है कि आर्थिक नीतियों के अमल में तेजी लाने के लिए यह नया कदम उठाया जा सकता है। अबतक बजट के मुताबिक 31 मार्च को वित्तीय वर्ष खत्म होने के बाद मंत्रालयों को बजट की रकम आवंटित होने में मई महीने तक इंतजार करना पड़ रहा है।
गणतंत्र दिवस के साथ ही होगी बजट की तैयारी
मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक इस मामले में फिलहाल आखिरी फैसला नहीं किया गया है, लेकिन इसे जनवरी महीने के आखिरी दिनों में किया जा सकता है। गणतंत्र दिवस की तैयारियों के साथ ही इसको लेकर भी गतिविधियां तेज की जा सकती है। फिलहाल बजट में टैक्स बदलाव और वित्त विधेयकों को संसद मई महीने के दूसरे सप्ताह में बहस करने के बाद पास करती है।
संसद की मंजूरी चाहती है सरकार
बजट के साथ ही सरकार वित्तीय वर्ष में कुछ हफ्तों के विस्तार के लिए संसद की मंजूरी चाहती है। आर्थिक नीतियों के मद्देनजर सरकार ने अगले वित्त वर्ष में ठोस कदम उठाने के संकेत दिए हैं। सरकार की दलील है कि संविधान में बजट पेश किए जाने की तारीख और वक्त को लेकर कोई ठोस प्रावधान नहीं किए गए हैं।
वाजपेयी ने बदला था ब्रिटिश परंपरा
साल 1999 तक बजट शाम के 5 बजे पेश किए जाते रहे हैं। ब्रिटिशकालीन इस परंपरा को अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने बदलकर बजट पेश किए जाने का समय दिन के 11 बजे कर दिया था।