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CAA-NRC पर बोले शशि थरूर- 'मैं नहीं कहूंगा जिन्ना जीत गए लेकिन वे तो...

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 26 2020 6:44PM | Updated Date: Jan 26 2020 6:44PM
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नई दिल्ली।  कांग्रेस नेता शशि थरूर से जब उनके CAA को लागू किया जाना जिन्ना के दो-राष्ट्र के सिद्धांत को पूरा किए जाने के बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कहता कि जिन्ना की जीत हुई है लेकिन वे जीत रहे हैं। बता दें कि शशि थरूर ने इससे पहले कांग्रेस नेता शशि थरूर ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिणपंथी नेता वीर सावरकर ने ही सबसे पहले द्विराष्ट्र सिद्धांत सामने रखा था और उसके तीन साल बाद मुस्लिम लीग ने पाकिस्तान प्रस्ताव पारित किया था। उन्होंने कहा कि विभाजन के समय सबसे बड़ा सवाल था कि क्या धर्म राष्ट्र की पहचान होना चाहिए। थरूर ने जी जयपुर साहित्य उत्सव में कहा कि मुस्लिम लीग द्वारा 1940 में अपने लाहौर अधिवेशन में इसे सामने रखने से पहले ही सावरकर इस सिद्धांत की पैरोकारी कर चुके थे।
 
जिन्ना ने कहा था, 'हिंदू कभी भी मुस्लिमों के प्रति न्यायपूर्ण नहीं हो सकेंगे' अब शशि थरूर ने कहा है कि अगर CAA हमें NPR और NRC की ओर लेकर जाता है तो यह उसी रास्ते पर चलना होगा। अगर ऐसा होता है तो आप कह सकते हैं कि जिन्ना की जीत पूरी हुई। जिन्ना जहां भी हों, वो कह रहे होंगे वे ठीक थे कि मुस्लिमों का अलग देश होना चाहिए क्योंकि हिंदू कभी भी मुस्लिमों के प्रति न्याय नहीं कर पाएंगे। सावरकर की परिभाषा में मुसलमान और ईसाई नहीं थरूर ने कहा, 'सावरकर ने कहा कि हिंदू ऐसा व्यक्ति है जिसके लिए भारत पितृभूमि (पूर्वजों की जमीन), पुण्यभूमि है. इसलिए, उस परिभाषा से हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन दोनों श्रेणियों में समाते थे, मुसलमान और ईसाई नहीं।' उन्होंने कहा कि हिंदुत्व आंदोलन ने 'संविधान को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया।' उन्होंने कहा, 'मैंने अपनी पुस्तक 'व्हाई एम आई ए हिंदू' में सावरकर, एम एस गोलवलकर (MS Golwalkar) और दीन दयाल उपाध्याय का हवाला दिया है। ये ऐसे लोग थे जो मानते थे कि धर्म से ही राष्ट्रीयता तय होनी चाहिए।'
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