चेन्नई। अभिनेता एवं राजनेता रजनीकांत ने मंगलवार को क्रांतिकारी नेता पेरियार पर 1971 की रैली को लेकर दिए अपने बयान का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर कोई पछतावा नहीं है और वह इसको लेकर कोई माफी नहीं मांगेगे। भाजपा नेता एवं राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मुद्दे पर उनका समर्थन किया है। रजनीकांत ने पोइस गार्डेन स्थित अपने आवास के बाहर पत्रकारों से बातचीत में अक्टूबर 2017 में आउटलुक पत्रिका में छपी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि उनका बयान काल्पनिक नहीं बल्कि तथ्यात्मक है।
पेरियार द्रविड़ कषगम (पीडीके) के सदस्यों ने रजनीकांत के बयान को लेकर मंगलवार को उनके आवास के बाहर प्रदर्शन करने की योजना बनायी है। रजनीकांत ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा, मैंने जो सुना और जो पत्रिका में छपा उस आधार पर बयान दिया है।’’ आउटलुक पत्रिका में छपी रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पेरियार ने 1971 में सलेम की रैली में भगवान राम और सीता की मूर्तियों के वस्त्र उतारे थे और उन मूर्तियों को चप्पल की माला भी पहनायी थी।
रजनीकांत ने पत्रिका की कतरन दिखाते हुए कहा,‘‘ मेरे एक बयान के कारण विवाद पैदा हो गया है कि मैंने ऐसा कुछ कहा है जो कभी हुआ ही नहीं है और लोग मुझसे माफी मांगने की मांग रहे हैं, लेकिन मैंने कुछ ऐसा नहीं कहा जो कभी हुआ ही नहीं है।’’ रजनीकांत ने कहा कि उस धरने में शामिल जनसंघ के पूर्व नेता लक्षमण इस बात की पुष्टि कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि पहले हुई ऐसी घटनाओं को बार-बार नहीं उठाना चाहिए।