नई दिल्ली। राजधानी के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पिछले एक माह से अधिक समय से चल रहे धरना-प्रदर्शन के खिलाफ सोमवार को एक याचिका उच्चतम न्यायालय में दाखिल की गई। वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी ने धरना- प्रदर्शन के कारण पिछले 35 दिनों से कालिंदी कुंज - शाहीन बाग मार्ग को बंद करने के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है। उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को कोई दिशा- निर्देश जारी करने से इनकार कर दिया था।
उच्च न्यायालय ने 14 जनवरी को सरकार और पुलिस को हालात को ध्यान में रखते हुए कानून के मुताबिक कार्रवाई करने की सलाह दी थी। कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग बंद होने से यात्रियों के लिए होने वाली बड़ी असुविधा का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया है कि लोग डीएनडी फ्लाईओवर और आश्रम जैसे वैकल्पिक मार्गों से यात्रा करने को मजबूर हैं, जिसके कारण यात्रियों का बहुमूल्य समय और ईंधन की बर्बादी हो रही है।