नई दिल्ली। रंगमंच के मशहूर निर्देशक एम के रैना ने कहा कि यहां की महिलाओं ने जो हौसला और जज्बा दिखाया है उससे शाहीन बाग अब हिंदुस्तान बन गया है। यहां की महिलाओं और नौजवानों को सलाम करते हैं कि उन्होंने संविधान बचाने के लिए अलख जगाई है। रैना ने शाहीन बाग में रविवार रात आंदोलनकारियों के समर्थन करने पहुंचे और लोगों को संबोधित करते हुए कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई जा रही है कि कश्मीरी विस्थापित दिवस का जश्न मनाया जा रहा है।
यहां तो हिंदुस्तान को बचाने की लड़ाई लड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि 1984 में भी सिखों का कत्लेआम हुआ था जिसे बचाने के लिए सभी हिंदुस्तानी आगे आए थे और अब भी जब संविधान को बचाने की लडाई है तो देश के लोग एकजुट हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बाद पहली बार यहां के लोगों ने संविधान और आजादी बचाने के लिए शाहीन बाग की महिलाओं ने सत्याग्रह चलाई है इसके लिए आप सबको मुबारकबाद। सरकार इसे साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है लेकिन सफल नहीं होंगे क्योंकि यहां सभी धर्मों के लोग मौजूद है।