नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने विभिन्न संसदीय समितियों के कामकाज पर चिंता व्यक्त करते हुए सभी राजनीतिक दलों और सदस्यों से इनके कामकाज में सुधार लाने की जरूरत बतायी है। गुरूवार को सदन में विधायी दस्तावेज पटल पर रखवाये जाने के बाद नायडू ने विशेष रूप से विभाग संबंधी स्थायी समितियों की बैठकों में सदस्यों की अनुपस्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा ,‘‘ विभाग संबंधी स्थायी समितियों में चर्चा के समय प्रत्येक सदस्य 25 सांसदों का प्रतिनिधित्व करता है। यदि एक सदस्य अनुपस्थित रहता है तो 25 सांसदों की आवाज नहीं सुनी जाती। इसलिए मैं सभी दलों के नेताओं और सदन के सदस्यों से अपील करता हूं कि इन समितियों में सदस्यों की मौजूदगी भी रहे और गुणवत्तापूर्ण चर्चा भी हो। इन समितियों को संसद ने कामकाज के लिए अपनी ओर से महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। ’’
सभापति ने सुबह विभाग संबंधी राज्यसभा की 8 स्थायी समितियों के अध्यक्षों के साथ हुई बैठक का भी हवाला दिया जिनमें दोनों सदनों के सदस्य हैं। उन्होंने आंकड़े देते हुए विभिन्न समितियों की बैठकों में सदस्यों की गैर हाजिरी का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन 8 स्थायी समितियों का गत सितम्बर में गठन किया गया था और तब से इनकी 41 बैठकें हो चुकी हैं। इन 41 बैठकों में सदस्यों की उपस्थिति के आंकडों के विश्लेषण से चिंताजनक स्थिति का पता चलता है। उन्होंने कहा कि इन समितियों के अध्यक्षों के साथ भी इस बारे में चर्चा हुई है।