नई दिल्ली। अयोध्या जमीन विवाद में मुस्लिम पक्ष की पैरवी करने वाले वकील राजीव धवन को जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने हटा दिया है। राजीव धवन ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर इसकी जानकारी दी है। धवन के मुताबिक अरशद मदनी ने ये कहा है कि उनके हटाने की वजह मेरा खराब स्वास्थ्य है, जो पूरी तरह से गलत है।
धवन ने कहा, "मुझे नहीं पता कि उनकी क्या मजबूरियां हैं, लेकिन उन्होंने मुझे यह कहते हुए हटाया है कि मैं बीमार हूं, जो कि झूठ है। 'राजीव धवन ने रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के सामने मुस्लिम पक्ष के लिए मामले पर तर्क-वितर्क किया था, उन्होंने मामले की 40 दिनों की सुनवाई में दो हफ्ते से अधिक समय तक मुस्लिम पक्ष की ओर से बहस की थी।
बहस के दौरान, धवन ने संविधान पीठ के सवालों के जवाब भी दिए थे। यह याचिका जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अशद मदनी ने दायर की है। अयोध्या भूमि विवाद में नौ नवंबर के फैसले को चुनौती देने वाली समीक्षा याचिका में मुस्लिम पक्षकारों ने सवालों की झड़ी लगा दी है।
धवन ने मामले से हटाए जाने के कारण का जिक्र करते हुए कहा, "मुझे सूचित किया गया कि जनाब मदनी ने यह संकेत दिया है कि मुझे मामले से इसलिए हटाया गया, क्योंकि मैं बीमार हूं। हमने इस कदम को स्वीकारते हुए तत्काल उन्हें औपचारिक पत्र भेज दिया है। अब मामले की समीक्षा में मैं शामिल नहीं हूं।