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इस एक फैसले से उड़े मोदी सरकार के होश - हुआ 145 हजार करोड़ का नुकसान

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 3 2019 1:02PM | Updated Date: Dec 3 2019 1:02PM
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नई दिल्ली। सरकार ने बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए कॉरपोरेट कर दरों में कमी के चलते 1,45,000 करोड़ रुपये की राजस्व हानि होने के आसार हैं। लोकसभा में सांसद नुसरत जहां रूही के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट कर में कटौती के जरिए दिए गए प्रोत्साहनों से अर्थव्यवस्था में जल्द प्रभाव होने का अनुमान है. भारत में नए निवेश से न केवल नई नौकरियां सृजित होने का अनुमान है बल्कि इससे आय में भी बढ़ोत्तरी होगी और फलस्वरूप मध्यम से दीर्घकाल में कर संग्रहण में वृद्धि होगी। सरकार ने कहा है कि कालाधान अध्यादेश के तहत कॉरपोरेटरों को कर में दी गयी छूट के कारण देश को 1,45,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को एक लिखित प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी।
 
उन्होंने बताया कि इस अध्यादेश के जरिये निवेशकों को आकर्षित करने और निवेश बढ़ाने के वास्ते कर में कटौती का प्रावधान किया गया। कराधान कानून (संशोधन) अध्यादेश, 2019 के तहत कॉरपोरेट कर की दर में कमी और अन्य राहत के कारण 145 हजार करोड़ रुपये की राजस्व हानि हुई है।
 
उन्होंने कहा कि नियमित बजट 2019-20 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 7,03,760 करोड़ रुपये रखा गया है जो सकल घरेलू उत्पाद-जीडीपी का 3.3 प्रतिशत है और सरकार राजस्व तथा व्यय के नियमित आकलन से राजकोषीय घाटे का प्रबंधन करती है। ठाकुर ने कहा कि 20 सितम्बर 2019 को जारी संशोधन अध्यादेश के माध्यम से घरेलू कंपनियों पर लगने वाले कर में भी कुछ शर्तों के साथ कटौती की गयी है। इसके साथ ही घरेलू कंपनियों को यदि लगता है कि रियायती कराधान प्रणाली उसकी कंपनी के लिए लाभकारी है तो वह दरों पर कर लगाये जाने के विकल्प का चयन भी कर सकती है।
 
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