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राजेन्द्र प्रसाद की जयंती को राष्ट्रीय मेधा दिवस घोषित करने की मांग

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 1 2019 4:20PM | Updated Date: Dec 1 2019 4:21PM
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नई दिल्ली। विभिन्न सामाजिक संगठनों ने सरकार से देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के जन्मदिवस तीन दिसंबर को देशभर में मेधा दिवस के रूप में मनाये जाने की मांग की है। लोकनायक जयप्रकाश अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विकास केन्द्र के महासचिव अभय सिन्हा और महिला चरखा समिति की अध्यक्ष प्रो. तारा सिन्हा ने केन्द्र सरकार से यह मांग की है।
 
उन्होंने लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्म दिवस 31 अक्टूबर को एकता दिवस के रूप में घोषित किये जाने का स्वागत करते हुए कहा कि डॉ. राजेन्द्र प्रसाद भी देश के महान सपूत थे और अनेक विषयों के प्रकांड पांडित्य एवं त्याग तपस्या युक्त जीवन जीने वाली इस विभूति को प्रथम संविधान सभा का अध्यक्ष चुना गया था। वह देश के प्रथम राष्ट्रपति भी बने लेकिन उनके साथ सरकार का व्यवहार अपमानजनक ही रहा। यहां तक कि उनकी अंत्येष्टि भी आम आदमी की भांति की गयी और एक गरिमापूर्ण समाधि स्थल तक नहीं बन पाया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 में उनकी 125वीं जयंती के मौके पर केन्द्र सरकार ने कोई कार्यक्रम तक आयोजित नहीं किया।
 
हालांकि बिहार में कुछ कार्यक्रम अवश्य हुए। वर्ष 2017 में बिहार सरकार ने राजेन्द्र बाबू की जयंती को मेधा दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। ऐसे में केन्द्र सरकार से अपेक्षा है कि सर्वाधिक समय तक राष्ट्रपति रहने के बावजूद इतनी उपेक्षित राजनीतिक शख्सियत को पूर्ण सम्मान प्रदान करे और इसकी शुरुआत तीन दिसंबर को उनकी जयंती को राष्ट्रीय स्तर पर मेधा दिवस घोषित करने के साथ करे।
 
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