नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह अप्रैल.अक्टूबर के दौरान वित्तीय घाटा वर्ष 2019-20 के बजट अनुमान की तुलना में 102.40 प्रतिशत पर पहुंच गया है । वित्तीय घाटे के शुक्रवार को जारी आंकड़ों में अप्रैल.अक्टूबर के सात माह में वित्तीय घाटा 7.2 लाख करोड़ रुपए रहा । चालू वित्त वर्ष के लिए कुल वित्तीय घाटे का अनुमान 7.03 लाख करोड़ रुपए लगाया गया था । अप्रैल.अक्टूबर के दौरान राजस्व अंतर 5.46 लाख करोड़ रुपए का रहा है । इसकी मुख्य वजह कर प्राप्ति कम होना है। राजस्व घाटा 61400 करोड़ रुपए रहा है।
वित्तीय घाटा लक्ष्य की तुलना में पहले सात माह के दौरान पूरे वर्ष के अनुमान के करीब पहुंच जाने से मोदी सरकार की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है और 2019- 2020 के वित्तीय लक्ष्यों को हासिल कर पाना मुश्किल नजर आने लगा है । चालू वित्त वर्ष के बजट में वित्तीय घाटा 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया था । सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) के आज जारी आंकड़े भी सरकार के लिए चिंता का विषय है। जीडीपी की रफ्तार मार्च 2013 के बाद की 23 तिमाहियों के निम्नतम स्तर 4.5 प्रतिशत रह गई है । पहली तिमाही में यह पांच प्रतिशत रही थी ।