नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास बहाल करने पर बल देते हुए शुक्रवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी की आर्थिक नीतियों पर उद्योगपति, बैंकर, नीति निर्माता, नियामक, उद्यमी और नागरिक में से किसी को भरोसा नहीं है। डॉ सिंह ने यहां राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि बैंक ऋण नहीं दे रहे हैं और विकास रुका हुआ है। मोदी सरकार पिछली सरकारों की प्रत्येक नीति को संदेह की नजर से देख रही है। अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकार को विश्वास बहाली के उपाय करने चाहिए। प्रत्येक उद्योगपति, व्यापारी, पूंजी प्रदाता और कामगारों को सरकार पर भरोसा होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि समाज की स्थिति का प्रभाव अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। समाज का ताना बाना तोड़ा जा रहा है और अर्थव्यवस्था का आकार घट रहा है। आर्थिक विकास के लिए आपसी भरोसा और आत्मविश्वास बहुत जरूरी है। समाज में भय का वातावरण है। उद्योग सरकारी अधिकारियों की प्रताड़ना की शिकायत कर रहे हैं। मीडिया, न्यायपालिका, नियामक, अधिकारियों और जांच एजेंसियों पर से जनता भरोसा घट रहा है। डॉ सिंह ने कहा कि लोकसभा में बहुमत और कच्चे तेल के दामों में कमी का फायदा उठाया जा सकता है। करोड़ों युवाओं को रोजगार दिया जा सकता था। उन्होंने प्रधानमंत्री से समाज पर संदेह नहीं करने का अनुरोध करते हुए कहा कि उन्हें सदभावना, विश्वास और भरोसे को बढ़ावा देना चाहिए।