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पुलिस के प्रति जनता के मन में सम्मान पैदा करना जिम्मेदारी : शाह

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 30 2019 1:47AM | Updated Date: Nov 30 2019 1:52AM
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लखनऊ। देश में कानून व्यवस्था बनाये रखने में पुलिस की भूमिका की सराहना करते हुये केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि पुलिस के प्रति जनता के मन में सम्मान पैदा करना सबकी जिम्मेदारी है। 47वीं अखिल भारतीय विज्ञान कांग्रेस के समापन सत्र को संबोधित करते हुये शाह ने यहां कहा ‘‘पुलिस का मजाक उड़ाना आसान है, लेकिन कोई सेवा ऐसी नहीं है जहॉ 35 हजार जवानों ने बलिदान दिया हो। हमें जनता के नजरिये में बदलाव लाना है। हम देश की जनता को यह बताकर उनके नजरिये में बदलाव ला सकते हैं। जनता के निकट आकर हम उनके नजरिये में बदलाव ला सकते हैं। जब हम त्यौहार मनाते हैं तो पुलिस के जवान कानून व्यवस्था की चिन्ता करते है। विषम परिस्थितियों जवान सीमा पर कार्य करते हैं, उपस्थित अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि जनता का नजरिया बदलने में अपना योगदान दें। ’’    

उन्होने कहा कि एक पुलिस के प्रत्येक जवान के मन में गर्व एवं जनता के मन में पुलिस के प्रति सम्मान पैदा करने की जिम्मेदारी हमारी है। सरकारी वकीलों की जवाबदेही तय करने से प्रकरणों में सजा की वृद्धि होगी। बड़े अपराधों में सजा की मॉनीटरिंग की आवश्यकता मुख्यालय स्तर पर है। राज्यों में जिला मुख्यालय स्तर पर फारेंसिक कालेज एवं राज्य स्तर पर फारेंसिक विश्वविद्यालय एवं पुलिस विश्वविद्यालय बनाये जायें। भविष्य में यहॉ पढ़ने वाले पुलिस में नौकरी करें जिससे उनकी कार्य दक्षता में परिणामोन्मुखी विकास होगा। इन विश्वविद्यालयों एवं कालेजों से पढ़कर जो निकलेंगे वह पुलिस के लिये बेहतर कार्य करेंगे। जल्दी ही भारतीय दण्ड विधान संहिता में व्यापक बदलाव होगा। यह आज भारत के अनुसार होगा।

विचारों की उपयोगिता पर बल देते हुए केन्द्रीय गृहमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान हुए मंथन में विचारों के क्रियान्वयन को जरूरी बताया। उन्होने कहा कि जो समाधान परिचर्चा में आये हैं वे वीट तक लागू हों तभी वास्तविक सफलता है। पूर्व में जितने विज्ञान कांग्रेस हुए हैं उनमें जो पेपर रखे गये हैं उनमें अभी तक क्या हुआ है इस बारे में विशेष विज्ञान कांग्रेस आयोजित की जाये। इनके क्रियान्वयन की स्थिति जानने के लिये गहन चिन्तन किया जाये। शाह ने कहा कि कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्य के साथ केन्द्र के समन्वय से है। आन्तरिक सुरक्षा में नारकोटिक्स, नक्सलवाद, आतंकवाद, घुसपैठ, फेक करेंसी, पशु तस्करी, मानव तस्करी आदि घातक हैं जिसे केन्द्र के समन्वय से निपटा जा सकता है। 

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