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देश में नौ करोड़ 64 लाख हेक्टेयर भूमि का क्षरण

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 29 2019 2:45PM | Updated Date: Nov 29 2019 2:45PM
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नई दिल्ली। देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र की 29.32 प्रतिशत अर्थात नौ करोड़ 64 लाख हेक्टेयर भूमि का क्षरण हो रहा है जिसमें गोवा, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, झारखंड, नागालैंड, त्रिपुरा और हिमाचल प्रदेश प्रमुख है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011-13 की अवधि में अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र की रिपोर्ट ‘भारतीय मरुस्थलीकरण एवं भूमि क्षरण मानचित्र’ के अनुसार देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र की 29.32 प्रतिशत अर्थात नौ करोड़ 64 लाख हेक्टेयर भूमि का क्षरण हो रहा है।
 
रिपोर्ट में कहा गया कि गोवा, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, झारखंड, नगार्लैंड, त्रिपुरा और हिमाचल प्रदेश में 40 प्रतिशत से 70 प्रतिशत भूमि का मरुस्थलीकरण हो रहा है। भूमि के क्षरण का मुख्य कारण मानव बस्तियां, जल भराव, जल कटाव , वनों का समाप्त होना, बंजर एवं पथरीली भूमि का बढ़ना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अगस्त 2019 में जारी  ‘जलवायु परिवर्तन एवं भूमि’ के लिए अंतर सरकारी समूह की भूमि की विशेष रिपोर्ट के अनुसार भूमि के क्षरण में इस्तेमाल में परिवर्तन, मरुस्थलीकरण और भूमि का अतिक्रमण अहम कारण रहे हैं।
 
तोमर ने कहा कि भारत 2030 तक भूमि क्षरण को निष्प्रभावी करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार राष्ट्रीय जलवायु परिवत्रन कार्य योजना को लागू कर रही है। इसके लिए राष्ट्रीय कृषि सतत् कृषि मिशन चलाया जा रहा है। इसके अलावा 23 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों ने इस संबंध में अपनी- अपनी योजनायें तैयार कर ली हैं। देश के 651 जिलों में जलवायु परिवर्तन के कृषि पर पड़ने वाले प्रभावों से निपटने के लिए योजना बना ली गयी हैं।
 
 
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