नई दिल्ली। सरकार ने रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ को बढावा देने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए सेनाओं के लिए 22 हजार 800 करोड़ रूपये के रक्षा सौदों को आज मंजूरी दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद की यहां हुई बैठक में मुख्य रूप से असाल्ट रायफलों के ‘थर्मल इमेजिंग नाइट साइट्स’ के देश में ही डिजायन, विकास और विनिर्माण करने पर मुहर लगायी गयी। देश की निजी क्षेत्र की कंपनी इन्हें बनायेंगी और इनका इस्तेमाल अग्रिम मोर्चों पर तैनात सैनिकों द्वारा किया जायेगा। इनकी मदद से जवान अंधेरे में भी सभी तरह के मौसम में लंबी दूरी तक सटीक निशाना लगा सकेंगे। इससे सेना की रात में लड़ने की क्षमता बढेगी।
स्वेदेशी ‘एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम ’ की सफलता को ध्यान में रखते हुए रक्षा परिषद ने इस प्रणाली की अतिरिक्त यूनिटों की जरूरत के आधार पर खरीद को भी मंजूरी दी। इन प्रणालियों के लिए जरूरी उपकरण भी देश में ही बनाये जायेंगे और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन इन प्रणालियों को लड़ाकू विमानों में लगायेगा। इन प्रणालियों से वायु सेना के लड़ाकू विमानों को वायु क्षेत्र में अपना प्रभुत्व बनाने में मदद मिलेगी और वायु सेना की क्षमता बढेगी। रक्षा परिषद ने नौसेना के लिए लंबी दूरी के पनडुब्बी रोधी पी 8 आई लड़ाकू विमान की खरीद को भी मंजूरी दी। इन विमानों से नौसेना की तटीय क्षेत्रों में निगरानी तथा पनडुब्बियों को मार गिराने की क्षमता बढेगी।