नई दिल्ली। इलेक्ट्रानिक्स , सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरूवार को राज्यसभा में स्पष्ट किया कि भारत अपने डाटा संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगा और न:न ही जनता की निजता एवं देश की सुरक्षा से समझौता किया जायेगा। प्रसाद ने सदन में व्हाट्सएप के माध्यम से कुछ व्यक्तियों के फोन डाटा के साथ छेड़छाड़ के लिए स्पाइवेयर पेगासस के उपयोग के संबंध में नियम 180 के तहत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव नोटिस पर स्पष्टीकरण का उत्तर देते हुये यह बात कही।
इससे पहले उन्होंने अपना बयान सदन पटल पर रखा था। प्रसाद ने इजरायल की कंपनी एनएसओ ग्रुप से किसी भारतीय एजेंसी या राज्य सरकारों द्वारा स्पाइवेसर पेगासस को खरीदने या उसके साथ वार्ता करने के संबंध में स्पष्ट उत्तर नहीं दिया लेकिन कहा कि सुरक्षा एजेंसियां नियमानुसार राष्ट्रहित निर्णय लेती है।
इस ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को लाने वाले कांग्रेस के दिग्विजय सिंह मंत्री के इस जबाव से संतुष्ट नहीं हुये और प्रसाद और सिंह के बीच कुछ गरमागरम बहस भी हुयी। उन्होंने कहा कि व्हाट्एप ने उन 121 भारतीयों के नाम नहीं बताये हैं जिनके फोन डाटा चोरी होने की बात कही गयी है। यदि किसी का डाटा चोरी हुयी है तो उसे आईटी कानून के तहत मामला दर्ज कराना चाहिए क्योंकि आरोपी को इसमें तीन वर्ष की सजा और पांच लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। इसमें सरकार भी मदद करेगी।