नई दिल्ली। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा है कि ‘कारोबारी सुगमता सूचकांक’ में भारत की रैंकिंग बेहतर बनाने के बाद सरकार अब सभी नागरिकों के लिए जीवन सहज बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में मंगलवार को शिबपुर के आईआईटी, एनआईटी और आईआईएसटी के निदेशकों के सममेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी के संदर्भ में यह विश्वास व्यक्त किया कि आईआईटी और एनआईटी जैसी संस्थाएं नागरिकों के जीवन को सहज बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। उन्होंने कहा कि शहरी बुनियादी ढांचे में सुधार, जल आपूर्ति प्रणालियों को कुशल बनाना और स्वास्थ्य सेवा वितरण को अधिक प्रभावी बनाना आदि ऐसे अनगिनत तरीके हैं जिनसे प्रौद्योगिकी एक औसत भारतीय के जीवन में नाटकीय अंतर ला सकती है।
इसमें आईआईटी के 23, तथा एनआईआईटी और आईईएसटी के 31 निदेशकों के अलावा केनद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री, मंत्रालय में उच्च शिक्षा सचिव, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव और एआईसीटीई के अध्यक्ष ने भी भाग लिया। उन्होंने कहा,‘‘ यह साल का ऐसा समय है जब राजधानी दिल्ली सहित कई शहरों की वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो जाती है। हम सब एक ऐसी चुनौती का सामना कर रहे हैं, जो पहले कभी नहीं रही। पिछली कुछ सदियों में हाइड्रोकार्बन ऊर्जा ने पूरी दुनिया का परिदृश्य बदल कर रख दिया है और अब यह हमारे अस्तित्व के लिए खतरा बन गई है। यह उन देशों के लिए एक तरह की दोहरी चुनौती है जो अपनी आबादी के एक बड़े हिस्से को गरीबी से बाहर निकालना चाहते हैं। हमें इस चुनौती से निबटने के विकल्प तलाशने होंगे।