नई दिल्ली। सरकार ने आज साफ किया कि परिवार उपभोग व्यय सर्वेक्षण 2017-18 के आंकड़े अभी जारी नहीं किये जाएगें। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने शुक्रवार को यहां एक वक्तव्य जारी कर कहा कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने जुलाई 2017 से जून 2018 की अवधि में राष्ट्रीय स्तर पर 75वें चरण का परिवार उपभोग व्यय सर्वेक्षण किया था। इससे पहला 68 वां सर्वेक्षण जुलाई 2011 से जून 2012 तक किया गया था। इसके सर्वेक्षण के जरिए मासिक आधार पर परिवार और व्यक्तिगत उपभोग व्यय का आकलन किया जाता है। इस सर्वेक्षण में परिवार में वस्तुओं और सेवाओं पर किये गये व्यय को शामिल किया जाता है। इन आंकडों का इस्तेमाल सकल घरेलू उत्पाद तथा अन्य मानकों को तय करने में होता है।
सरकार ने कहा कि ताजा सर्वेक्षण के आंकड़ों का अभी पूरा तरह से अध्ययन नहीं किया गया है। आंकड़ों के आधार पर परिणाम तक पहुंचने से पहले कड़ी प्रक्रिया और पैमानों से गुजरना होता है। ये आंकडे अंतिम नही हैं और अभी इनका प्रारूप ही सामने आया है। इसलिए इन्हें अंतिम नहीं माना जा सकता। आरंभिक आंकडों से पता चलता है कि उपभोग का तरीका बदल रहा है। स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में उपभोग में बदलाव को मौजूदा सर्वेक्षण में परिलक्षित नहीं किया जा सका है। इसलिए यह मामला विशेषज्ञों की एक समिति का सौँपा गया है। यह समिति सर्वेक्षण के तौर तरीकों में सुधार के उपाय सुझाएगी। इसके अलावा राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी ने भी सिफारिश की है कि अर्थव्यवस्था के आकलन के लिए वर्ष 2017-18 को आधार वर्ष मानना उचित नहीं है।