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राममंदिर उनके तराशे गये पत्थर और बनाये गये मॉडल के अनुसार ही बने : विहिप

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 14 2019 1:25AM | Updated Date: Nov 14 2019 1:27AM
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अयोध्या। विश्व हिन्दू परिषद के अन्तर्राष्ट्रीय संरक्षक दिनेश चन्द्र ने कहा कि रामजन्मभूमि के लिये ट्रस्ट कैसा होगा और उसमें न्यास एवं परिषद को शामिल करेंगे या नहीं यह आने वाला समय ही बतायेगा लेकिन मंदिर निर्माण में न्यास कार्यशाला में तराश कर रखा गया पत्थर ही लगे और बनाये गये मॉडल के आधार पर बने ही बने यही हमारी मांग है। चन्द्र बुधवार को यहां श्रीरामजन्मभूमि न्यास कार्यशाला में संवाददाताओं से कहा कि राम मंदिर निर्माण में न्यास कार्यशाला में तराश कर रखा पत्थरों का ही इस्तेमाल हो और विहिप द्वारा कारसेवकपुरम् में रखे गये मॉडल के ही आधार पर भगवान राम का मंदिर बने यह हमारी मांग नहीं बल्कि हमारी जिद है। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट में किसी को शामिल किया जाय एवं मंदिर बने उसमें विश्व हिन्दू परिषद और श्रीरामजन्मभूमि न्यास को कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने किहा कि विहिप मूल विषय है रामलला का भव्य मंदिर बनना चाहिये। 

उन्होंने कहा कि रामलला के प्रति लोगों की आस्था, श्रद्धा और विश्वास को देखते हुए उसी मॉडल के प्रारूप पर ही भव्य मंदिर का निर्माण होना चाहिये। उन्होंने यह भी कहा कि न्यास कार्यशाला में मंदिर के लिये अब तक एक मंजिल अर्थात् साठ प्रतिशत पत्थर तराशकर तैयार हैं। साथ ही गांव-गांव से आयी रामशिलायें भी कार्यशाला में रखी हैं। उन्होंने दोहराया कि हमारा केन्द्र सरकार से आग्रह है कि जो मॉडल के आधार पर राम मंदिर बने एवं तराशे हुए पत्थर उसमें उपयोग हों। विहिप सरंक्षण ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने मस्जिद के लिये मुस्लिम समाज को पांच एकड़ जमीन देने के लिये कहा है। इसमें  किसी को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन  परिषद एवं संत धर्माचार्यों का यह कहना है कि अयोध्या के सांस्कृति क्षेत्र की सीमा के बाहर ही  मस्जिद के लिये जमीन दी जाय। साथ ही बाबर के नाम पर देश में कोई भी मस्जिद न बने यही परिषद तथा  न्यास का मूल विषय है। उन्होंने कहा कि रामलला के सखा की भूमिका न्यायालय के निर्णय आने तक रही चूंकि मंदिर का निर्णय आ चुका है इसलिये अब रामसखा की भूमिका समाप्त हो जायेगी।

उन्होंने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि न्यास के पास राम मंदिर के लिये मास्टर प्लान है। केन्द्र सरकार को चाहिये कि वह न्यास से मास्टर प्लान ले और मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे। उन्होंने कहा कि निर्मोही अखाड़ा की परम्परा में रामजन्मभूमि पर पूजन-अर्चन चलता रहा है और आज भी हम यही बात कहेंगे। उन्होंने बताया कि परिषद के पास राम मंदिर के लिये एकत्रित किये गये चंदों के एक-एक पैसे का हिसाब है। उसके पास आठ करोड़ रुपये इकट्ठा हुए थे जबकि करीब चालिस करोड़ रुपया न्यास कार्यशाला में पत्थर के कार्य में लग गया। उन्होंने  कहा कि शेष रकम समाज की तरफ से आया था। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिये लोग अरबों करोड़ों लाखों हजारों रुपये दान की घोषणा कर रहे हैं, जो  अच्छी बात है। विहिप के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक ने कहा कि अब केन्द्र सरकार द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिये ट्रस्ट बना दिया जाय और उसका खाता खुल जाय, तो लोग उसमें दान देने से परहेज नहीं करेंगे। 

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