महाबलीपुरम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का मानना है कि संबंधों की सकारात्मक दिशा के कारण द्विपक्षीय संबंधों को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने की संभावनाओं को मुकम्मल परवाज मिले हैं और दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ करने की दिशा में कदम उठायेंगे। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार दोनों नेता इस बात पर सहमत है कि इस कोशिश के लिए दोनों देशों के बीच मजबूत सार्वजनिक सहयोग जरूरी है। इस संदर्भ में मोदी और जिनपिंग ने वर्ष 2020 को भारत-चीन सांस्कृतिक और लोगों के बीच परस्पर संवाद वर्ष के तौर पर मनाने का फैसला किया। अगले वर्ष भारत-चीन के संबंधों के 70 वर्ष पूरा हो रहे हैं और दोनों नेताओं ने इस वर्ष को पूरी तरह से सभी स्तर के आदान-प्रदान के लिए उपयोग करने का फैसला लिया है। इसके तहस दोनों देशों की विधान सभाएं, राजनीतिक दलों, सांस्कृतिक, युवा संगठनों और सैन्य टुकड़ियां संयुक्त रूप से कई कार्यक्रमों का आयोजन करेगीं।
सूत्रों के अनुसार दोनों देश के राजनयिक संबंधों की 70 वीं वर्षगांठ का उत्सव मनाने के लिए समुद्री जहाज यात्रा सम्मेलन सहित 70 कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। जहाज यात्रा सम्मेलन दोनों देशों के नागरिकों के बीच ऐतिहासिक सम्पर्क का पता लगायेगा। इसको लेकर मोदी और जिनपिंग तमिलनाडु तथा चीन के फुजियान प्रांत के बीच ‘सिस्टर स्टेट रिलेशन्स’ स्थापित करने और एक अकादमी स्थापित करके दोनों राज्यों के बीच शैक्षणिक संबंध तलाशने पर सहमत हुए हैं। मोदी और चीन के राष्ट्रपति ने अनौपचारिक वार्ता के दौरान जलवायु परिवर्तन और स्थायी विकास के लक्ष्यों को हासिल करने सहित वैश्विक विकास की चुनौतियों के समाधान के लिए अपने-अपने देशों में की जा रही महत्वपूर्ण प्रयासों को रेखांकित किया।