नई दिल्ली। केरल के त्रिशुर की सिस्टर मरियम थ्रेसिया को वेटिकन सिटी में रविवार को पोप फ्रांसिस मरियम थ्रेसिया संत घोषित करेंगे। विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरण शनिवार को दो दिवसीय दौरे पर वेटिकन रवाना होंगे जहां रविवार को सिस्टर मरियम को संत की उपाधि देने के लिए भव्य समारोह का आयोजन किया गया है। विदेश मंत्रालय के शनिवार को यहां जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि मुरलीधरण इस समारोह में भाग लेने वाले भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। सिस्टर मरियम का जन्म केरल के त्रिशुर में 25 अप्रैल 1876 को हुआ था। उन्होंने मई 1914 में त्रिशुर में ही सिस्टरों के समूह होली फैमिली की स्थापना की।
सिस्टर मरियम का आठ जून 1926 को निधन हो गया था। संत की उपाधि देने की घोषणा से पहले 1999 में सिस्टर मरियम को सम्माननीय एवं पूज्यनीय घोषित किया गया था और वर्ष 2000 में उन्हें धन्य आत्मा भी कहा गया था। ये दोनों ही घोषणाएं पोप जॉन पॉल द्वितीय ने की थीं। सिस्टर मरियम को निधन के 93 सालों बाद उन्हें संत घोषित किया जाएगा और यही एक बात है जो उन्हें मदर टेरेसा से अलग करती है।
मदर टेरेसा के साथ उनमें कई समानताएं भी रहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरे कार्यकाल में चौथी बार रेडियो पर देशवासियों से ‘मन की बात’ कार्यक्रम में सिस्टर मरियम का जिक्र करते हुए कहा,‘‘भारत ऐसे असाधारण लोगों की जन्मभूमि और कर्मभूमि रहा है जो अपने लिए नहीं बल्कि औरों के लिए जीते हैं। सिस्टर मरियम को उनके देहांत के करीब 93 सालों बाद इस सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।’’ मोदी ने कहा कि देश को उन पर गर्व है।
उन्होंने कहा,‘‘सिस्टर थ्रेसिया ने 50 साल के अपने छोटे से जीवनकाल में मानवता की भलाई के लिए जो काम किए, वे पूरी दुनिया के लिए मिसाल हैं।’’ उन्होंने कहा,‘‘13 अक्टूबर को पोप फ्रांसिस मरियम थ्रेसिया को संत घोषित करेंगे जो हर भारतीय के लिए गर्व की बात है।’’ केरल में सामाजिक उत्थान के कामों के लिए विख्यात रहीं सिस्टर मरियम को मदर टेरेसा की तरह माना जाता है। सिस्टर मरियम ने होली फैमिली नाम की एक धर्मसभा की स्थापना की थी।
वेटिकन सिटी में मौजूद एक दस्तावेज के मुताबिक, उन्होंने कई स्कूल, हॉस्टल, अनाथालय और कॉन्वेंट बनवाए और संचालित किए। सिस्टर मरियम को लड़कियों की शिक्षा और उनके सशक्तीकरण के लिए किए गए कामों के लिए भी याद किया जाता है। 1914 में उनके द्वारा स्थापित इस संस्था में अब करीब 2000 नन हैं।