नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करने के निर्णय को काफी मुश्किल फैसला करार देते हुए सोमवार को कहा कि लोगों की भलाई के लिए कुछ साहसी निर्णय लेने अनिवार्य हो जाते हैं। शाह ने यहां महाराष्ट्र सदन में 2018 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद एक भी गोली नहीं चली और एक भी जान नहीं गयी। उन्होंने कहा कि कश्मीर के 196 थाना क्षेत्रों में से केवल 10 में धारा 144 लगी हुई है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर हमेशा केंद्र शासित प्रदेश नहीं रहेगा। कश्मीर में स्थिति सामान्य हो जाने के बाद इसे दोबारा राज्य बना दिया जायेगा।
गृह मंत्री ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि यह केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ही नहीं बल्कि बेहतर प्रशासन के लिए भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि एनआरसी लागू होने के बाद देश हित में नीतियां बनाने में आसानी होगी। शाह ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ विपक्षी दलों द्वारा एनआरसी को राजनीतिक कदम कहा जा रहा है। यह राजनीतिक नहीं बल्कि संवैधानिक कदम है ताकि विकास का लाभ सभी नागरिकों तक पहुंच सके। इस मौके पर महिला आईपीएस अधिकारियों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि आरक्षण स्थायी सफलता नहीं है, आपकी सफलता ही दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा बन सकती है। धीरे-धीरे सामाजिक मनोवृत्ति को बदलने की जरूरत है और स्वत: ही महिलाओं को सेना, पुलिस तथा आंतरिक सुरक्षा के विभागों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना होगा।