नई दिल्ली। स्विस बैंक के खाताधारकों की पहली सूची केंद्र सरकार को सौंप दी गई है। काले धन के इस बड़े खुलासे से मोदी सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है। स्विट्जरलैंड सरकार की ओर से स्विस बैंक में खुले भारतीय खातों की जानकारी सरकार को सौंप दी है। भारत कुछ चुनिंदा देशों में से एक है जिन्हें ये जानकारी मिल रही है। स्विट्जरलैंड की सरकार से जानकारी मिलने के बाद भारत सरकार के सूत्रों का कहना है कि जो जानकारी मिली है उसमें सभी खाते गैरकानूनी नहीं हैं। भारत और स्विट्जरलैंड के बीच कालाधन सूचना के स्वत: आदान-प्रदान की नई व्यवस्था के तहत भारत को अपने नागरिकों के स्विस बैंक खातों की पहली सूची स्विट्जरलैंड सरकार से हासिल हो गई है। इसके साथ ही भारत अब उन 75 देशों में शामिल हो गया है, जिनके साथ स्विट्जरलैंड सरकार ने बैंक खातों से जुड़ी जानकारियां साझा की हैं। स्विट्जरलैंड के कर विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सितंबर 2020 में भारत के साथ फिर वित्तीय खातों की सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाएगा।
स्विट्जरलैंड के फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन (एफटीए) एईओआई के वैश्विक मानकों के अनुरूप व्यवस्था के तहत 75 देशों के साथ वित्तीय खातों की जानकारी साझा करता है। एफडीए के प्रवक्ता ने कहा कि यह पहली बार है जब भारत को एईओआई नियमों के तहत स्विस बैंकों में भारतीय खाताधारकों की जानकारी उपलब्ध कराई गई है। इस जानकारी के तहत वर्तमान में सक्रिय खातों और 2018 के दौरान बंद हो चुके खातों का विवरण उपलब्ध कराया गया है। भारत को सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान की नई व्यवस्था के तहत स्विट्जरलैंड के बैंकों में अपने नागरिकों के खातों के ब्योरे की पहली सूची प्राप्त हो गई है। दोनों देशों के बीच सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान की इस व्यवस्था से भारत को विदेशी में अपने नागरिकों द्वारा जमा कराए गए कालेधन के खिलाफ लड़ाई में काफी मदद मिलेगी। प्रवक्ता ने कहा कि इस व्यवस्था के तहत अगली सूचना सितंबर, 2020 में साझा की जाएगी।