नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद एक तरफ जहां पाकिस्तान और वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत को पूरी दुनिया में बदनाम करने की साजिश में जुटे हुए हैं वहीं दूसरी तरफ एक के बाद एक देश भारतीय प्रधानमंत्री के मुरीद बन रहे हैं। बीते दिनों में कई देशों ने पीएम मोदी को अपने देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा है और आज उन्हें मुस्लिम बहुल देश यूएई अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ऑर्डर ऑफ जायेद से सम्मानित कर रहा है। यह देखकर पाकिस्ता खुलकर इसके विरोध में उतर आया है।
पाकिस्तान इस बात से बेहद सदमे में है कि इस्लामिक मुल्क होते हुए भी कोई दूसरा मुस्लिम देश उसकी बात नहीं सुन रहे जबकि उन्हीं मुल्कों में भारत और भारतीय प्रधानमंत्री का कद और सम्मान दिन-ब दिन बढ़ता ही जा रहा है। यह भारत की सफल कूटनीतिक प्रयासों का ही परिणाम है कि पाकिस्तान अब अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग पड़ चुका हैं और मुस्लिम देश भी पाकिस्तान की बात सुनने को राजी नहीं हैं। ऐसा नहीं है कि पीएम मोदी को पहली बार कोई देश अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजेगा। इससे पहले भी पीएम मोदी को सर्वोच्च समान देने वाले देशों की फेहरिस्त काफी लंबी रही है।
मालदीव ने 8 जून 2019 को पीएम मोदी को ऑर्डर ऑफ निशानिजुद्दीन पुरस्कार, रूस ने 12 अप्रैल 2019 को ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयूज अवार्ड, दक्षिण कोरिया ने 24 अक्टूबर, 2018 को सियोल शांति पुरस्कार, संयुक्त राष्ट्र संघ ने 3 अक्टूबर, 2018 चैंपियंस ऑफ द अर्थ 2018 पुरस्कार, फिलीस्तीन ने 10 फरवरी 2018 को ग्रैंड कॉलर ऑफ फिलीस्तीन, सऊदी अरब ने 3 अप्रैल, 2016 को ऑर्डर ऑफ अब्दुल अजीज अल सउद, अफगानिस्तान ने 3 अप्रैल, 2016 को ऑर्डर ऑफ गाजी आमिर अमानुल्ला खान सम्मान से नवाजा था।
पीएम मोदी ऐसे समय में UAE में हैं, जब पाकिस्तान खास तौर से मुस्लिम देशों से भारत के खिलाफ समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में UAE के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भारत के प्रधानमंत्री मोदी को सम्मानित किया जाना पाकिस्तान के लिए बहुत बड़े झटके जैसा है। पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने कश्मीर-कश्मीर का राग अलाप रहा है लेकिन, कोई इमरान खान की गुहार सुनने को तैयार नहीं है। यहां तक कि मुस्लिम वर्ल्ड से भी इमरान खान को निराशा ही हाथ लगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आ'तंकवाद और कश्मीर पर नीति शीशे की तरह साफ रही है।