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रक्षा क्षेत्र में भागीदारी के लिए आगे आये निजी उद्योग : राजनाथ

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 20 2019 6:53PM | Updated Date: Aug 20 2019 6:53PM
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नई दिल्ली। रक्षा क्षेत्र में निजी कंपनियों की भागीदारी पर जोर देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि इससे विदेशों से आयात की निर्भरता कम होगी और घरेलु रक्षा उद्योग मजबूत होगा। सिंह ने आज यहां ‘वायु सेना की आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण योजना’ पर एक सेमिनार को संबोधित करते हुए निजी क्षेत्र का आव्हान किया कि उसे सरकार की नीतियों का फायदा उठाते हुए रक्षा सेवाओं, रक्षा क्षेत्र के उपक्रमों और आयुध निर्माणी बोर्ड के साथ तालमेल के लिए आगे आना चाहिए जिससे रक्षा जरूरतों को देश में ही पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार इसके लिए किसी भी अड़चन को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है।

निजी क्षेत्र को अल्पावधि में बड़े मुनाफे की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए बल्कि दीर्घावधि के लिए निवेश करना चाहिए। विदेशी कंपनियों से भी निवेश की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें अपने उत्पाद बनाने के लिए यहां ईकाई की स्थापना करनी चाहिए और इसके लिए वे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, संयुक्त उपक्रम और रक्षा ऑफसेट का रूट अपना सकती हैं। सिंह ने कहा कि वायु सेना प्रौद्योगिकी की दृष्टि से बहुत उन्नत और ताकतवर है और पडोस में आतंकी ठिकानों पर हाल की उसकी कार्रवाई इसका सबूत है। उन्होंने कहा कि वायु सेना को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी क्षमता को निरंतर बढाते रहने की जरूरत है।

सिंह ने कहा कि निजी क्षेत्र की कंपनी उत्पादों के परीक्षण के लिए सरकारी परीक्षण केन्द्रों और प्रणाली का इस्तेमाल कर सकता है इससे उत्पादों की गुणवत्ता बनी रहेगी। यह निर्णय संबंधित पक्षों के साथ विचार विमर्श के बाद लिया गया है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि सरकार के प्रयासों तथा उद्योग क्षेत्र की भागीदारी से देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का सपना पूरा होगा। इससे पहले वायु सेना प्रमुख बी एस धनोआ ने कहा कि सेनाओं में स्वदेशी उपकरणों का इस्तेमाल तेजी से बढ रहा है। उन्होंने कहा , ‘‘हम पुराने हथियारों को बदलने के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी का इंतजार नहीं कर सकते। लेकिन यह भी उचित नहीं है कि रक्षा जरूरत की हर चीज विदेश से आयात की जाये। हम बहुत पुराने हथियारों को देश में ही विकसित हथियारों से बदल रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि अभी 11 स्वदेशी परियोजना हैं जिनमें से दो के लिए विभिन्न एजेन्सियों को आर्डर दिये गये हैं और 9 अन्य के लिए प्रक्रिया चल रही है। रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण के बारे में दो पुस्तकों का भी इस मौके पर विमोचन किया गया।

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