नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़तिा और उसके वकील के सड़क हादसे की जांच पूरी करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को दो सप्ताह की और मोहलत दे दी। न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने पीड़तिा के वकील के परिजनों को इलाज के खर्चे के लिए अंतरिम मुआवजे के तौर पर पांच लाख रुपये देने का उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश भी दिया। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने न्यायालय को बताया कि जांच को सही दिशा में रखने के लिए दुष्कर्म पीड़तिा एवं उसके वकील का बयान काफी महत्वपूर्ण है, लेकिन दोनों की हालत गम्भीर बनी हुई है।
इसलिए उनके बयान अभी तक दर्ज नहीं किये जा सके हैं। ऐसी स्थिति में उसे जांच पूरी करने के लिए चार सप्ताह की और मोहलत दी जाये, लेकिन न्यायालय ने केवल दो सप्ताह का समय ही दिया। मामले की सुनवाई अब छह सितम्बर को होगी। न्यायालय ने पीड़तिा के परिजनों को सलाह दी कि वे किसी भी तरह का बयान जारी न करें और यदि किसी प्रकार की कोई समस्या हो तो अपने वकील के माध्यम से उनके समक्ष आयें। गौरतलब है कि सीबीआई ने इस मामले में कल ही जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश की थी।